गोरखपुर: माफिया राकेश यादव ने ग्राम सभा की जमीन पर बना रखा था 4 करोड़ का मकान, बाबा के बुलडोजर ने किया ध्वस्त

गोरखपुर में प्रदेश के 61 व जिले के टॉप-10 माफिया की सूची में शामिल राकेश यादव के अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई चल रही है. पुलिस-प्रशासन के साथ ही जीडीए व नगर निगम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 20, 2023 3:32 PM

Mafia Rakesh Yadav : उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन माफियाओं व अपराधियों पर नकेल कसने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है. इसी क्रम में गोरखपुर में प्रदेश के 61 व जिले के टॉप-10 माफिया की सूची में शुमार राकेश यादव के अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई चल रही है. पुलिस-प्रशासन के साथ ही जीडीए व नगर निगम की मौजूदगी में माफिया के साढ़े चार करोड़ के पुश्तैनी मकान पर यह कार्रवाई की जा रही है.

माफिया राकेश यादव जमानत रद्द कराकर बंद है जेल में

जेल में बंद माफिया ने गुलरिहा क्षेत्र में अवैध तरीके से निर्माण कराया है. गुलरिहा क्षेत्र के झुंगिया निवासी माफिया राकेश यादव पर गोरखपुर के अलावा संतकबीरनगर, महराजगंज व आजमगढ़ जिले में हत्या, हत्या के प्रयास, जबरिया वसूली, धमकी देने, गैंगस्टर, गुंडा व आर्म्स एक्ट के 52 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस के शिकंजा कसने पर 3 जून, 2023 को राकेश यादव 6 अक्टूबर, 2019 को हुए चिलुआताल थाने में हत्या की कोशिश, बलवा और मारपीट के दर्ज मुकदमे में जमानत रद्द कराकर जेल चला गया.

बिना मानचित्र पास कराए करा दिया था अवैध निर्माण

बता दें कि माफिया राकेश यादव ने गुलरिहा क्षेत्र के झुंगिया इलाके में ग्राम सभा की करीब सात हजार वर्ग फीट जमीन कब्जा कर रखी थी. इसमें से चार हजार वर्ग फीट जमीन पर उसने अवैध निर्माण करा लिया था. इसकी अनुमानित कीमत लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए बताई जा रही है. आसपास के लोगों का कहना है कि इस भवन में तीन भाइयों का हिस्सा है. मौके पर दो मंजिला भवन बना है जिसे पूरा गिराया जा रहा है.

जांच में पता चला कि राकेश यादव ने गुलरिहा के झुंगिया में बिना मानचित्र पास कराए अवैध तरीके से निर्माण कराया है। इसके बाद मंगलवार पुलिस और जीडीए नगर निगम की टीम ध्वस्तीकरण के लिए मौके पर पहुंची. वही, पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी, सहायक पुलिस अधीक्षक मानुष पारिख सहित जीडीए मुख्य अभियंता किशन सिंह, एसीएम सेकंड राजीव कुमार सहित कई थाने की फोर्स मौके पर मौजूद है.

रिपोर्ट – कुमार प्रदीप, गोरखपुर

Next Article

Exit mobile version