Magh Purnima 2022: माघ पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष माघ पूर्णिमा आज यानी 16 फरवरी दिन बुधवार को है. माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. इस अवसर पर प्रयागराज के संगम में स्नान करने से पुण्य लाभ प्राप्त होता है.
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माघ पूर्णिमा कब (Magha Purnima) : बुधवार 16 फरवरी 2022
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पूर्णिमा तिथि कब से शुरू (Purnima Tithi Begins): 15 फरवरी को रात 09:42
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पूर्णिमा तिथि कब समाप्त होगी (Purnima Tithi Ends): 16 फरवरी को रात 10:25 बजे
माघ पूर्णिमा को चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 54 मिनट पर है. इस समय में चंद्रमा का उदय होगा. शोभन योग रात करीब पौने नौ बजे तक है, ऐसे में आप चाहें तो चंद्रमा एवं माता लक्ष्मी की पूजा साथ कर सकते हैं.
इस दिन देवी और देवता भी धरती पर स्नान और दान करके अपने लोक में लौट जाते हैं. पूर्णिमा के व्रत को शास्त्रों में श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना गया है. पूर्णिमा का व्रत रखने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और अनेक पाप नष्ट होते हैं. इस बार माघ मास की पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी को बुधवार के दिन पड़ेगी. अगर आप भी इस दिन व्रत रखना चाहते हैं, यहां जानिए व्रत विधि
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माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में गंगा स्नान करना चाहिए. यदि संभव न हो तो गंगाजल को जल में मिलकर स्नान कर सकते हैं.
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स्नान के उपरांत ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें.
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फिर तिलांजलि देने के लिए सूर्य की ओर मुख करके खड़े हो जाएं और जल में तिल डालकर उसका तर्पण करें.
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इसके बाद पूजा प्रारंभ करें.
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भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि चीजें अर्पित करें.
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अंत में आरती और प्रार्थना करें.
माघ पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण है. जो साधक माघ मास में संगम नदी के किनारे रहकर व्रत और संयम के साथ स्नान ध्यान करते हैं और माघ पूर्णिमा के दिन अपने कल्पवास की परंपरा को पूर्ण करते हैं, उनके लिए माघ पूर्णिमा बहुत ही विशेष मानी जाती है. मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के पावन दिन श्री हरि विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. इसलिए इस दिन गंगास्नान का विशेष फल प्राप्त होता है. ज्योतिष के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा पर चंद्रमा मघा नक्षत्र और सिंह राशि में स्थित होता है. मघा नक्षत्र होने पर इस तिथि को माघ पूर्णिमा कहा जाता है. मान्यता के अनुसार माघी पूर्णिमा पर देवता भी गंगा स्नान के लिए प्रयाग आते हैं, इसलिए माघ मास की पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना गया है.