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माघी पूर्णिमा मेला: आदिवासियों का महाकुंभ रविवार से शुरू, उत्तरवाहिनी गंगा के किनारे जुटने लगे भक्त

आदिवासी समुदाय का महाकुंभ रविवार से साहिबगंज के गंगा नदी के किनारे शुरू हो रहा है. रविवार को राजकीय माघी पूर्णिमा मेला का उद्घाटन दो मंत्री करेंगे. यह मेला सात दिनों तक चलेगा. इस मेले में शामिल होने झारखंड के अलाव अन्य राज्यों से काफी संख्या में श्रद्धालु आकर पूजा अर्चना करते हैं.

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आदिवासियों का माघी पूर्णिमा मेला शुरू

झारखंड का इकलौता जिला जिसके 85 किमी क्षेत्र में पतित पावनी मां गंगा की निर्मल अविरल धारा बहती है. वहीं, साहिबगंज जिला के राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में बहने वाली राजमहल उत्तरवाहिनी गंगा नदी में आदिवासियों का महाकुंभ माघी पूर्णिमा मेला राजमहल गंगा तट सैकड़ों वर्षों से लगते हुए आ रहा है. मेला हिंदी कैलेंडर के माघ महीना के पूर्णिमा में आयोजित होता है. जिसमें आदिवासी समूह के जत्था राजमहल उत्तरवाहिनी गंगा तट किनारे अपना अस्थाई माझी स्थान बनाकर उसमें पूजन करते हैं. इधर, साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव ने राजकीय माघी पूर्णिमा मेला को सफल बनाने की अपील लोगों से की है. जिला प्रशासन ने नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.

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राजमहल गंगा तट पर माझी स्थान बना

माघी पूर्णिमा की सुबह गंगा स्नान करके पीतल के लोटा में जल लेकर मांझी स्थान में शिव पार्वती को जल चढ़ाते हैं और आदिवासी रीति रिवाज से विधिवत पूजा अर्चना करके अपनी मनोकामनाएं भगवान से मानते हैं. जिसकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है वह पूर्णिमा के दिन पाठा कबूतर गंगा जी में चढ़ाते हैं. सरकार द्वारा राजमहल गंगा तट पर स्थायी माझी स्थान बनाया गया है, फिर भी आदिवासी रीति-रिवाज से बांस पुआल इत्यादि का आदिवासी लोग अपना माझी स्थान बनाते हैं.

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सात दिवसीय रहता है आदिवासियों का महाकुंभ

राजकीय माघी पूर्णिमा मेला जिला प्रशासन के द्वारा सात दिवसीय होता है. मेला में मिट्टी से बना घड़ा काले रंग का आदिवासी समुदाय के लोग खरीदते हैं. वही मेला में शीला लोहड़ी, लकड़ी के सामान, अलमारी, ड्रेसिंग टेबल, लोहा, पीतल कांसा इत्यादि बर्तन बिकता है. माघी पूर्णिमा मेला में राजमहल उत्तरवाहिनी गंगा में गंगा स्नान करके विधिवत रूप से पूजन करने के लिए बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, दिल्ली सहित देश के कोने कोने से आदिवासी समुदाय के लोग गंगा स्नान करके पूजन करने आते है. वही एक सप्ताह पूर्व से ही आदिवासी गुरु द्वारा गंगा तट पर मांझी थान बनाने का कार्य किया जाता है. अपने गुरुओं के साथ भक्त गंगा स्नान करके पूजन करते है.

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रविवार को राजकीय माघी पूर्णिमा मेला का उद्घाटन

साहिबगंज डीसी राम निवास यादव ने बताया कि राजकीय माघी पूर्णिमा मेला 2023 का उद्घाटन राजमहल अनुमंडल क्षेत्र स्थित गंगा घाट पर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी संयुक्त रूप से करेंगे. इस मौके पर राजमहल विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनंत ओझा भी उपस्थित रहेंगे. डीसी ने इस मेला को सफल बनाने के लिए सभी से सहयोग की अपील की है. माघी पूर्णिमा मेला तीन फरवरी से शुरू होकर 11 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान विभिन्न क्षेत्र से आये श्रद्धालु एवं भक्तगण गंगा स्नान एवं पूजा अर्चना संपन्न करेंगे. जिला प्रशासन की ओर से पांच फरवरी को राजकीय माघी पूर्णिमा मेला का उद्घाटन समारोह एवं सात फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समापन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

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हेल्पलाइन नंबर जारी

जिला प्रशासन ने राजकीय माघी पूर्णिमा मेला में श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ को देखते हुए जिला नियंत्रण कक्ष बनाया है. वहीं, हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. किसी श्रद्धालु के परेशानी होने पर हेल्पलाइन नंबर 9631155933, 9006963963, 6436356485, 06436222100, 9939685774 और 100 पर डायल कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं.

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सज गया है मेला, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

माघी पूर्णिमा मेला के लिए राजमहल में खिलौना, बर्तन दुकान, मनिहारा दुकान, खाने पीने की दुकान, लोहा के औजार सहित अन्य वस्तुओं की दुकानें सज गई है. मेला में झूला, तारामाचि, ब्रेक डांस सहित अन्य लग गया है. वही जिला प्रशासन की ओर से मेला को देखते हुए भारी वाहनों का राजमहल में प्रवेश वर्जित है. आदिवासी समुदाय के लोग राजमहल में पहुंचने लगे है. रेलवे द्वारा तीन पहाड़ पैसेंजर ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाया है और फेरी सेवा भी बढ़ाई है. वही सुरक्षा में सैप, जैप, जिला बल को लगाया गया है. वही एनडीआरएफ की टीम भी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहेगी.

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