महाशिवरात्रि आज, क्या करें और क्या न करें? शुभ मुहूर्त, नियम, विधि, पारण का समय
महाशिवरात्रि अजा बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन व्रत रख कर शिव-पार्वती की पूजा करने का विधान है. ऐसा माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बिल्व पत्र से शिव जी की पूजा करता है भगवान भोले नाथ उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए यह त्योहार 18 फरवरी को ही मनाना उचित है. इसका समापन रविवार, 19 फरवरी को होगा.
महाशिवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त – साल 2023 में फाल्गुन मास की त्रयोदशी 17 फरवरी को रात 08 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 18 फरवरी को शाम 04 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगी. महाशिवरात्रि व्रत पारण का समय – 19 फरवरी को सुबह 06 बजकर 57 मिनट से दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगा.
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. साफ, धुले हुए कपड़े पहनें. शिव मंदिर जाएं और शिव लिंग की पूजा करें. अब शिवलिंग पर बेल पत्र, धतूरे के फूल, पंचामृत, भांग और घर में बना प्रसाद आदि चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय का जाप करें. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें
आपके जीवन में कालसर्प दोष है तो इसके लिए महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन स्थित महाकालेश्वर या फिर नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या फिर प्रयागराज स्थित तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में विधि से पूजा करने पर यह दोष खत्म हो जाता है.
महाशिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त प्रथम पहर पूजा- 18 फरवरी को शाम 06:41 बजे से रात 09:47 बजे तक. द्वितीय पहर पूजा- 18 फरवरी को रात 09:47 बजे से रात 12:53 बजे तक. तृतीय पहर पूजा- 19 फरवरी को रात 12:53 बजे से 03:58 बजे तक. चतुर्थ पहर पूजा- 19 फरवरी को 03:58 बजे से सुबह 07:06 बजे तक.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं. तीन पत्तियों वाले इस बिल्वपत्र का शिव पूजन में प्रथम स्थान है. भगवान शिव को धतूरा चढ़ाएं. शिव की आरती कर्पूर जलाकर करें. दूध चढ़ाएं.
भगवान शिव पर 3 पत्र वाला बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. याद रखें कि तीन पत्ते में यदि एक भी पत्ता टूटा हो तो ऐसा बेलपत्र शिवजी को नहीं चढ़ाना चाहिए. पांच पत्ते वाला बेलपत्र मिले तो अति उत्तम है. बेलपत्र को उलटकर चिकनी वाली तरफ से शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए.
भगवान शिव की पूजा में शंख का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. भगवान शिव को तुलसी अर्पित करना वर्जित होता है. शिवजी को कभी हल्दी अर्पित नहीं करते हैं.
महाशिवरात्रि 2023 के दिन अत्यंत शुभ त्रिग्रही योग बन रहा है. 17 जनवरी 2023 को न्याय देव शनि कुंभ राशि में विराजमान हुए थे. अब 13 फरवरी को ग्रहों के राजा सूर्य भी इस राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं. 18 फरवरी को शनि और सूर्य के अलावा चंद्रमा भी कुंभ राशि में होगा. यह बड़ा ही दुर्लभ और शुभ संयोग है.
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत से अभिषेक करें. इसके बाद दूध से शिवलिंग पर अभिषेक करें और ओम नमः शिवाय का जाप करें. इसके बाद बेलपत्र, भांग, और गन्ने का रस चढ़ाएं. इन उपायों से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे.