Maha Shivratri 2022: हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. ये दिन शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा और अर्चना का दिन है. इस बार महाशिवरात्रि की शुरुआत 1 मार्च 2022 को मंगलवार के दिन सुबह 3 बजकर 16 मिनट से होने वाली है. इस पावन दिन पर रूद्राभिषेक करने से मनोकामना पूरी होती है.
फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक मानी जाती है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर जल से भरे कलश की स्थापना करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें. फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें. साथ ही पजून करें और अंत में आरती करें.
शिव जी को चंपा या केतकी का फूल अर्पित न करें. कनेर, गेंदा, गुलाब, आक आदि के फूल चढ़ाएं
रोली और हल्दी भूलकर भी न चढ़ाएं.
महादेव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित है, इसलिए तुलसी अर्पित न करें.
टूटे हुए अक्षत का इस्तेमाल पूजा के दौरान न करें.
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन महादेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और मानव जाति के अत्यंत करीब होते हैं. कहा जाता है कि इस दिन हर शिवलिंग में शिव स्वयं विराजमान होते हैं. ऐसे में शिवलिंग का पूजन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. महाशिवरात्रि के दिन को बड़े अनुष्ठानों का दिन माना जाता है. इस दिन यदि सच्चे मन से शिवलिंग का पूजन किया जाए तो प्रभु भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं.
भगवान शिव पर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें. पजून करें और अंत में आरती करें.