पुण्यतिथि स्मरण : पहाड़ पर महादेवी वर्मा का घर, यहां देखें अनदेखी तसवीरें

mahadevi verma death anniversary know about great writer unseen pictures of her house on mountain bud: आज छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक प्रसिद्ध कवयित्री महोदवी वर्मा की पुण्यतिथि है. कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने महोदवी वर्मा को ‘हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’ कहा है. आधुनिक हिंदी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण महादेवी को आधुनिक मीरा भी कहा जाता है.

By दिल्ली ब्यूरो | September 11, 2020 2:13 PM
an image

Mahadevi Verma Death Anniversary: आज छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक प्रसिद्ध कवयित्री महोदवी वर्मा की पुण्यतिथि है. कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने महोदवी वर्मा को ‘हिंदी के विशाल मंदिर की सरस्वती’ कहा है. आधुनिक हिंदी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण महादेवी को आधुनिक मीरा भी कहा जाता है.

पुण्यतिथि स्मरण : पहाड़ पर महादेवी वर्मा का घर, यहां देखें अनदेखी तसवीरें 5

कविता हो गद्य या फिर खुद उनका जीवन और व्यवहार हिंदी के पाठकों से लेकर आम जन तक आज भी प्रेरणा का संचार करता है. काव्य संग्रह रश्मि, नीरजा, दीपशिखा, यामा, सांध्यगीत से लेकर गद्य संग्रह अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं, श्रृंखला की कड़ियां, पथ के साथी तक महादेवी वर्मा का एक वृहद रचना संसार है. इन रचनाओं में से अधिकतर के सृजन का साक्षी बना पहाड़ पर एक घर है. जी हां, पहाड़ पर महादेवी वर्मा का घर. इस घर में उन्होंने दीपशिखा एवं लक्षमा समेत कई रचनाओं का सृजन किया.

पुण्यतिथि स्मरण : पहाड़ पर महादेवी वर्मा का घर, यहां देखें अनदेखी तसवीरें 6

यह घर उत्तराखंड के नैनीताल जिलें में स्थित रामगढ़ कस्बे के पास बसे एक गांव उमागढ़ में स्थित है. देवदार व चीड़ के वृक्षों और हरे-भरे पहाड़ों से घिरे इस घर को मीरा कुटीर के नाम से जाना जाता है. अब यह घर एक संग्रहालय बन चुका है, जिसमें महादेवी वर्मा द्वारा इस्तेमाल की गयी लेखन की डेस्क समेत कई वस्तुएं देखी जा सकती हैं.

पुण्यतिथि स्मरण : पहाड़ पर महादेवी वर्मा का घर, यहां देखें अनदेखी तसवीरें 7

इलाहाबाद महादेवी वर्मा की कर्मभूमि रही, लेकिन उन्होंने नैनीताल से 25 किलोमीटर दूर रामगढ़ में भी साहित्य सृजन के लिए अपना एक ग्रीष्मकालीन घर बनाया. उन्होंने 1936 में गर्मियों में आकर रहने के लिए यहां एक भवन खरीदा, जिसका नाम मीरा कुटीर रखा गया.

पुण्यतिथि स्मरण : पहाड़ पर महादेवी वर्मा का घर, यहां देखें अनदेखी तसवीरें 8

वह अपने साथी कवि-साहित्यकारों को भी यहां रहने और रचना करने के लिए अक्सर बुलाया करती थीं. कुछ वर्षों पहले कुमाऊ विश्वविद्यालय की देखरेख में इस घर को साहित्य-संग्रहालय का रूप दे दिया गया. इसे महादेवी वर्मा सृजन पीठ नाम दिया गया है.

प्रस्तुति : प्रीति सिंह परिहार

Exit mobile version