Prayagraj : उत्तर प्रदेश की पावन धरा प्रयागराज में आयोजित होने वाला 2025 का महाकुंभ अद्भुत और ऐतिहासिक होगा. इस बार इसकी दिव्यता देखते ही बनेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसी उद्देश्य से उन्होंने प्रयागराज में प्रदेश के शीर्ष अफसरों के साथ बैठक कर और दिव्य और भव्य कुंभ का खाका खींचा है. इस बार संगम में डुबकी लगाने प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को रोपवे से संगम का विहंगम दृश्य आसमान से देखने को मिल सकता है.
रोपवे के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है. जल्द ही एजेंसी का चयन भी होने की उम्मीद है. लखनऊ में 22 मई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कुंभ के प्रॉजेक्ट्स को लेकर होने वाली बैठक में एजेंसी को लेकर निर्णय हो सकता है. इसके बाद यह प्रॉजेक्ट रफ्तार पकड़ेगा. दरअसल, यह प्रॉजेक्ट 2019 के कुंभ से पहले ही शुरू होना था, लेकिन सरकार इस पर आने वाले खर्च को वहन करने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए अब इसे पीपीपी मॉडल पर बनाने की तैयारी है.
संगम के ऊपर से गुजरने वाले इस रोपवे को नैनी के त्रिवेणी पुष्प से झूंसी के उल्टा किला के बीच बनाने की योजना है. इसमें तीसरा स्टेशन नैनी का सोमेश्वर महादेव मंदिर होगा. इस मंदिर की स्थापना चंद्रदेव ने की थी. पर्यटन विभाग ने त्रिकोणीय रोपवे के लिए प्रॉजेक्ट तैयार किया था. इस रूट से श्रद्धालुओं को सोमेश्वर महादेव के दर्शन में भी सहूलियत होती. प्रॉजेक्ट के लिए जरूरी प्रस्ताव बनाकर सरकार को काफी पहले भेजा जा चुका है, लेकिन पीपीपी मॉडल पर इसे बनाने के लिए कोई पार्टी नहीं मिल रही थी.
सीएम के इस ड्रीम प्रॉजेक्ट के लिए नए सिरे से कवायद शुरू की गई है. करीब 2.1 किलोमीटर लंबे रोपवे निर्माण के लिए 93 करोड़ के बजट की जरूरत है. झूंसी की ओर से रोपवे के निर्माण में उल्टा किला रोड़ा बन रहा था. संरक्षित इमारत होने के कारण यहां पर निर्माण मुश्किल था. इसलिए उल्टा किला से 200 मीटर की दूरी पर रोपवे स्टेशन बनाने का नया प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है.
प्रस्ताव के अनुसार, रोपवे के तीन स्टेशन और दो रूट होंगे. पहला रूट नैनी के त्रिवेणी पुष्प से झूंसी के उल्टा किला के निकट जाएगा. यह यमुना और गंगा को पार करते हुए गुजरेगा, जबकि दूसरा रूट त्रिवेणी पुष्प से बांध रोड के ऊपर से होते हुए सोमेश्वर महादेव मंदिर जाएगा. निर्माण और संचालन करने वाली एजेंसी तीनों स्टेशनों को भी विकसित करेगी.