Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 को लेकर जहां विभिन्न परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है, वहीं रेलवे भी इसके लिए अभी से तैयारियों में जुट गया है. दुनिया के इस सबसे बड़े धार्मिक मेले में देश विदेश से करोड़ों लोग आते हैं. लोगों की भारी भीड़ को देखते हुए इस बार महाकुंभ के अवसर पर रेलवे 1200 स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा.
अहम बात है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा मेमो ट्रेन स्पेशल के रूप में चलेंगी. इसमें आठ की जगह 16 कोच रहेंगे. प्रयागराज और शहर के अन्य सभी स्टेशनों से स्पेशल ट्रेन का संचालन होगा. मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) हिमांशु बडोनी ने बताया कि कुंभ 2019 में आठ सौ स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था. इस बार इसमें इजाफा किया जाएगा और ट्रेनों की संख्या 1200 रहेगी.
इस तरह ट्रेनों की संख्या डेढ़ गुनी, जबकि कोच की संख्या दोगुनी कर दी गई है. डीआरएम के मुताबिक भीड़ बढ़ने पर रिजर्व ट्रेनों का इंतजाम किया जाएगा. रेलवे ने इसके लिए पूरी योजना तैयार कर ली है. महाकुंभ के दौरान प्रयागराज शहर के नौ रेलवे स्टेशन प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, प्रयागराज छिवकी, प्रयागराज रामबाग, झूंसी, प्रयागराज संगम, प्रयाग जंक्शन और फाफामऊ जंक्शन से इन सभी ट्रेनों का संचालन किया जाएगा.
डीआरएम ने बताया कि महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में आरओबी और आरयूबी का जाल बिछाया जा रहा है. कुल 19 आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) और आरयूबी (रेल अंडर ब्रिज) बनाए जाएंगे. इसमें सर्वाधिक आठ आरओबी उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) बनाएगा. उत्तर रेलवे (एनआर) छह आरओबी व एक आरयूबी बनाएगा, जबकि पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) तीन आरओबी, एक आरयूबी बनाएगा.
इनमें सात पर कार्य चल रहा है, चार पर कार्य खत्म हो गया है. जहां कार्य खत्म हुआ है, उन्हें इसी महीने कमीशन कर दिया जाएगा. यात्री सुविधा और आरओबी-आरयूबी बनाने के लिए 837 कराेड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं. इन सभी कार्य की कुल लागत 837 करोड़ रुपए है. पिछले कुंभ में कुल 700 करोड़ की लागत से 41 कार्य रेलवे ने कराए थे.
प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास का कार्य कुल तीन चरणों में होना है. पुनर्विकास कार्य की कुल लागत 959.78 करोड़ रुपए है. महाकुंभ के पूर्व सिविल लाइंस साइड में ही कार्य होगा. उसके बाद दोनों कॉनकोर का निर्माण और अंत में सिटी साइड का पुनर्विकास होगा.
इसके साथ ही महाकुंभ के पूर्व शहर आने वाले लोगों को स्टेशन पर ही दिव्य और भव्य प्रयागराज का दर्शन कराने के लिए स्टेशन व उसके निकट के क्षेत्रों व मार्गों का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा. नवाब युसूफ रोड की तरफ एक बड़ी दीवार का निर्माण भी शुरू हो गया है. यह दीवार खुसरो बाग तक बनेगी.
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प्रयागराज जंक्शन- कानपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सतना और झांसी रूट.
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नैनी- प्रयागराज छिवकी – मानिकपुर, बांदा, झांसी व सतना रूट.
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सूबेदारगंज स्टेशन- कानपुर व नई दिल्ली रूट.
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प्रयागराज रामबाग- वाराणसी, मऊ व गोरखपुर रूट.
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झूंसी स्टेशन- वाराणसी, मऊ व गोरखपुर रूट.
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प्रयाग जंक्शन व प्रयागराज संगम- रायबरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, अयोध्या कैंट, जौनपुर रूट.
प्रयागराज महाकुंभ को लेकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद शाही स्नान की तिथियों का ऐलान कर चुका है.
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प्रथम शाही स्नान- पौष पूर्णिमा 13 जनवरी
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द्वितीय शाही स्नान- मकर संक्रांति 14 जनवरी
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तृतीय शाही स्नान- मौनी अमावस्या 29 जनवरी
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चतुर्थ शाही स्नान-वसंत पंचमी 03 फरवरी
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पंचम शाही स्नान-माघी पूर्णिमा 12 फरवरी
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षष्ठम शाही स्नान- महाशिवरात्रि 26 फरवरी
इस बीच महाकुंभ 2025 को लेकर एक अन्य अहम निर्णय किया गया है. महाकुंभ के पूर्व प्रयागराज एयरपोर्ट से कार्गो सेवा शुरू हो जाएगी. प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों में एयरपोर्ट प्रशासन भी जुटा है. यहां अगस्त माह में एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा. एयरपोर्ट पर लंबे समय से कार्गो सेवा शुरू किए जाने की मांग चल रही है. वर्तमान समय में लोग यहां यात्री विमान से छोटे पैकेट बुक करवा लेते हैं, लेकिन, इसकी भी संख्या बेहद सीमित है.
इसी वजह से एयरपोर्ट प्रशासन ने यहां कार्गो सेवा शुरू करने एवं कृषि उड़ान योजना के क्रियान्वयन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को कार्गो परिसर निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा है.
एयरपोर्ट सलाहकार समिति की अध्यक्ष एवं सांसद केशरी देवी पटेल का कहना है कि महाकुंभ के पूर्व यहां ये सेवा शुरू करने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है. अब वह इस संबंध में उड्डयन मंत्रालय से भी संपर्क करेंंगी. सांसद के अनुसार प्रयागराज एयरपोर्ट कृषि उड़ान योजना में शामिल है. इस वजह से यहां कार्गो परिसर निर्माण में कोई अड़चन नहीं आएगी.