Mahalaya 2022: इस दिन है महालया, जानिए कब से होगी शारदीय नवरात्रि की शुरूआत
Mahalaya 2022: माना जाता है कि महालया के दिन ही हर मूर्तिकार मां दुर्गा (Maa Durga) की आंखें तैयार करता है. इसके बाद से मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जाता है. इस साल महालया 25 सितंबर को है.
Mahalaya 2022: हिंदू शास्त्रों के अनुसार महालया और पितृ पक्ष अमावस्या एक ही दिन मनाई जाती है. इस बार यह 25 सितंबर को मनाया जा रहा है. माना जाता है कि महालया के दिन ही हर मूर्तिकार मां दुर्गा (Maa Durga) की आंखें तैयार करता है. इसके बाद से मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम रूप दिया जाता है. दुर्गा पूजा में मां दुर्गा की प्रतिमा का विशेष महत्व है और यही प्रतिमाएं पंडालों की शोभा बढ़ाती हैं.
महालया अमावस्या 2022: शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त : 25 सितंबर को प्रातः 4:35 से शुरू होकर 5:23 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त : 25 सितंबर को प्रातः सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक
गोधुली मुहूर्त: 25 सितंबर को सायं 06:02 बजे से सायं 6:26 बजे तक
विजय मुहूर्त : 25 सितंबर को दोपहर 2:13 बजे से 3:01 बजे तक
महालया का महत्व
पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने के अलावा, यह दिन सत्य और साहस की शक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत को उजागर करने के लिए मनाया जाता है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि देवी दुर्गा को सभी सर्वोच्च देवताओं की शक्तियों द्वारा महिषासुर नामक एक राक्षस को मारने और पृथ्वी को बचाने के लिए बनाया गया था.
महालया का इतिहास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अत्याचारी राक्षस महिषासुर के संहार के लिए मां दुर्गा का सृजन किया. महिषासुर को वरदान मिला हुआ था कि कोई देवता या मनुष्य उसका वध नहीं कर पाएगा. ऐसा वरदान पाकर महिषासुर राक्षसों का राजा बन गया और उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया. देवता युद्ध हार गए और देवलोकर पर महिषासुर का राज हो गया. महिषासुर से रक्षा करने के लिए सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के साथ आदि शक्ति की आराधना की. इस दौरान सभी देवताओं के शरीर से एक दिव्य रोशनी निकली जिसने देवी दुर्गा का रूप लिया. शस्त्रों के अनुसार मां दुर्गा ने महिषासुर से नौ दिनों तक भीषण युद्ध करने के बाद 10वें दिन उसका वध कर दिया. दरसअल, महालया मां दुर्गा के धरती पर आगमन होता है. इसीलिए मां दुर्गा को शक्ति की देवी माना जाता है.