Mahant Narendra Giri Suicide Case: प्रयागराज में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में वादी मुकदमा अमर गिरि मंगलवार को अदालत में उपस्थित नहीं हुए. इस वजह से मुकदमे की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई जा सक. इससे पहले भी उनके अनुपस्थित होने पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए वक्त दिया था और 10 अक्तूबर की तारीख तय की थी. मंगलवर को इस सुनवाई पर अखाड़ों और सभी साधु संतों की नजरें टिकी थीं, लेकिन अमर गिरी हाजिर नहीं हुए. इस वजह से सुनवाई फिर टल गई. प्रयागराज के बहुचर्चित महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या केस की सुनवाई जिला जज संतोष राय की अदालत में चल रही है. मुकदमे के पहले गवाह अमर गिरि के लगातार गैरहाजिर रहने का अभियोजन की ओर से विरोध किया गया. सीबीआई के विशेष अधिवक्ता ने मंगलवार को अमर गिरी के लगातार गैर हाजिर होने पर आपत्ति जताई. विशेष अधिवक्ता ने अदालत को बताया गया कि अमर गिरि पिछली कई नियत तिथि से अदालत में हाजिर नहीं हो रहे हैं. उनकी वजह से कोर्ट की कार्यवाही बाधित हो रही है. दरअसल अमर गिरि ही वादी मुकदमा है और इतने अहम मामले में वादी मुकदमा का पूरा बयान अभी दर्ज नहीं हुआ है.
सीबीआई के विशेष अधिवक्ता ने कहा कि अमर गिरी का पूरा बयान दर्ज हुए बिना दूसरे साक्षी की गवाही आगे नहीं हो सकती. इसलिए अमर के विरुद्ध गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जाए. अभियोजन की अर्जी को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने अमर गिरि के विरुद्ध वारंट जारी करने का आदेश दिया. अब मामले की सुनवाई तीन नवंबर को होगी.
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इस प्रकरण में महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरि समेत बड़े हनुमान मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तथा उनके बेटे संदीप तिवारी पर जिला न्यायालय की ओर आरोप तय किया जा चुका है. 20 सितंबर 2021 को महंत नरेंद्र गिरि का शरीर मठ के कमरे में रस्सी के फंदे से लटकी मिली थी. वहां मिले कई पेज के सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप पुराने शिष्य आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी पर लगा था. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही शासन ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने मामले में सीबीआई ने 28 सितंबर से चार अक्टूबर तक आनंद गिरि को अभिरक्षा में लेकर कई अहम साक्ष्य जुटाए थे. सीबीआई ने कोर्ट से आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और संदीप तिवारी का पालीग्राफी टेस्ट करने की इजाजत मांगी, लेकिन आरोपितों की सहमति नहीं होने के कारण अनुमति नहीं मिली. 20 नवंबर को सीबीआई का आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सेशन कोर्ट को फाइल सुपुर्द कर दी गई. 19 पेज की चार्जशीट पर सीबीआई ने 152 लोगों के बयान दर्ज किए थे. इस प्रकरण में आनंद गिरि चित्रकूट जेल और आद्या प्रसाद तिवारी व उनका बेटा संदीप तिवारी नैनी जेल में बंद है. तीनों आरोपितों ने अपने पर लगे आरोपों से इनकार किया है. उन्होंंने न्यायालय से इसका परीक्षण कराया जाने की अपील की है.