Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर शिवभक्त भगवान शंकर (Lord Shankar) की अराधना करते हैं. महाशिवरात्रि (Shivratri 2020) की पूजा विधि में बेलपत्र (Belpatra) का इस्तेमाल किया जाता है. भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय हैं. शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. बेलपत्र को संस्कृत में ‘बिल्वपत्र’ कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार माना जाता जाता है बेलपत्र और जल से भगवान शंकर का मस्तिष्क शीतल रहता है. पूजा में इनका प्रयोग करने से वे बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं.
महाशिवरात्रि 2022 – 1 मार्च 2022, मंगलवार
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 1 मार्च 2022, 3:16 AM से
चतुर्दशी तिथि समापन – 2 मार्च 2022, बुधवार को 1 AM तक
व्रत का पारण – 2 मार्च 2022, बुधवार को सुबह 6:45 बजे
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो जब भी आप महादेव को बेलपत्र अर्पित करें तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है. क्योंकि गलत तरीके से अर्पित किए हुए बेलपत्र शिव को अप्रसन्न भी कर सकते हैं
इस महीने से गर्मियां दस्तक दे देती हैं. गर्मियों में शरीर में पानी की कमी की पूर्ति के लिए फलों का सेवन करना बेहद जरूरी है. इस मौसम में कुछ फल ऐसी भी आते हैं जो आपकी सेहत को दुरुस्त और आपको गर्मियों के प्रभाव से बचाते हैं. इन्हीं में से एक फल है बेलपत्र. भगवान शिव का प्रिय यह फल आपको आने वाले मौसम के प्रभावों से भी बचा सकता है. बेल गर्मियों का मौसमी फल है. इसमें टैनिन, कैल्शियम, फास्फॉरस, फाइबर, प्रोटीन और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी साबित होते हैं. बेल फल के सेवन से कब्ज, बवासीर, डायरिया जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है.
शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथियों के अलावा संक्रांति के समय और सोमवार को नहीं तोड़ना चाहिए. स्कंदपुराण के अनुसार अगर आपको बेलपत्र नहीं मिल रहे हैं तो शिवलिंग में चढ़े हुए पत्रों को धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं.
कई बार ना चाहते हुए भी शादी में देरी होने लगती है. कोई भी रिश्ता तय नहीं हो पाता. इसका कारण जो भी हो पर बेलपत्र के उपाय से इस समस्या का समाधान जरूर हो सकता है. तो आइए जानते हैं बेलपत्र के प्रयोग से कैसे मनचाहे समय पर होगा आपका विवाह
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108 बेलपत्र लें और हर बेलपत्र पर चन्दन से ‘राम’ लिखें.
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‘ॐ नमः शिवाय’ कहते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं.
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सारे बेल पत्र चढ़ाने के बाद शिव जी से शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें