महाशिवरात्रि 2022: मां भद्रकाली मंदिर के सहस्त्रशिवलिंगम पर जलाभिषेक कर भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न

Mahashivratri 2022: चतरा जिले के इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर स्थित सहस्त्रशिवलिंगम पर जलाभिषेक करने के लिए महाशिवरात्रि को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे. मंदिर में शिवभक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी कर ली गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 3:59 PM

Mahashivratri 2022: झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. इस दौरान श्रद्धालुओं की होने वाली भीड़ को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारी कर ली गयी है. श्रद्धालुओं को पूजा में कोई परेशानी नहीं हो, इसका भी ख्याल रखा गया है. पुजारी विवेक पांडेय बताते हैं कि कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान शिव को जल, दूध अर्पित करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है.

1 मार्च को है महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि 1 मार्च को है. इसे लेकर पूरे प्रदेश में तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. चतरा जिले के इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर स्थित सहस्त्रशिवलिंगम पर जलाभिषेक करने के लिए महाशिवरात्रि को बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे. मंदिर में शिवभक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी कर ली गयी है. श्रद्धालु कतारबद्ध होकर जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करें, इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. आपको बता दें कि महाशिवरात्रि के मौके पर शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

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अदभुत व अलौकिक

इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर परिसर स्थित सहस्त्रशिवलिंगम अदभुत व अलौकिक है. यह प्राचीन काल का है. इसमें 1008 शिवलिंग उत्कीर्ण हैं. सहस्त्रशिवलिंगम पर एक बार जलाभिषेक करने पर 1008 शिवलिंग पर जलाभिषेक हो जाता है. झारखंड के अलावा बिहार समेत कई प्रदेशों से श्रद्धालु यहां जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करने आते हैं.

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शिव को ऐसे करें प्रसन्न

इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर के पुजारी विवेक पांडेय ने कहा कि कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह हुआ था. इसलिए इस मौके पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने व शिवलिंग पर जल, दूध अर्पित करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है. उन्होंने कहा कि शिव भक्त महाशिवरात्रि को भगवान शिव पर दूध, जल, धतुरा, बेलपत्र, मधु आदि जरूर अर्पित करें. संभव हो तो रुद्राभिषेक भी करना चाहिए.

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रिपोर्ट: विजय शर्मा

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