Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर आप अपने घर में सुख और शांति ला सकते हैं. इस अवसर पर भगवान शंकर की पूजा रात्रि में विशेष फलदायी मानी जाती है. इस दिन जो भक्त सच्चे मन से शिवजी की आराधना करते हैं, भोले बाबा उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं
महाशिवरात्रि पहले प्रहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21 शाम से 9:27 शाम तक
महाशिवरात्रि दूसरे प्रहर की पूजा: 1 मार्च को रात्रि 9:27 से 12:33 तक
महाशिवरात्रि तीसरे प्रहर की पूजा: 2 मार्च को रात्रि 12:33 से सुबह 3:39 तक
महाशिवरात्रि चौथे प्रहर की पूजा: 2 मार्च 2022 को 3:39 से 6:45 तक
व्रत का पारण: 2 मार्च 2022, बुधवार को सुबह 6:45 तक
करें ॐ नमः शिवाय का जाप
महाशिवरात्रि के दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है. शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजा निशील काल में करना उत्तम माना गया है.
प्रथम प्रहर की पूजा में अपनी मनोकामना का संकल्प करके दूध से अभिषेक करते हुए “ऊँ ह्रीं ईशानाय नमः” का जाप करना चाहिए.
द्वितीय प्रहर में दही से अभिषेक करते हुए “ऊँ ही अघोराय नमः ” मंत्र का जाप करना चाहिए.
तृतीय प्रहर में घृत यानि घी से अभिषेक करते हुए “ॐ हृी वामदेवाय नमः ” मंत्र का जाप करना चाहिए.
चतुर्थ प्रहर में मधु यानि शहद से अभिषेक करते हुए “ऊँ ही सध्योजाताय नमः ” मंत्र का जाप करना चाहिए.
रुद्राभिषेक करने से ग्रह दोष, रोग, कष्ट, पाप मिटते हैं। साथ ही भगवान शिव अपने भक्त पर कृपा बरसाते हैं. कोई मनोकामना हो तो सच्चे मन से रुद्राभिषेक करके देखें, निश्चित रूप से लाभ की प्राप्ति होगी. मान्यताओं के अनुसार शिवरात्रि, प्रदोष और सावन के सोमवार को यदि रुद्राभिषेक करेंगे तो जीवन में चमत्कारिक बदलाव महसूस करेंगे.