Maha Shivratri 2022: इस महाशिवरात्री बन रहा है पंचग्रही योग, जानें इसका महत्व

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है. 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2022 3:17 PM

Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन माह में प्रतिवर्ष पड़ता है. इस दिन भक्त भोलेनाथ को खुश करने के लिए अलग अलग तरह से पूजा- अर्चना करते हैं. कहते हैं कि इस दिन अगर सच्चे दिल से पूजा की जाए तो प्रभु हर एक कष्ट को दूर कर देते हैं. ऐसे में इस बार 01 मार्च दिन मंगलवार को भोले के भक्त महाशिवरात्रि के त्योहार को मनाएंगे. इस बार महाशिवरात्रि बेहद खास है क्योंकि इस दिन पंचग्रही योग बन रहा है. मान्यता है कि अगर इन शुभ संयोग में शिव जी की पूजा की जाए तो हर मनोकामना की पूर्ति होती हैं और भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से कई गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है.

Maha Shivratri 2022: बन रहा है 5 ग्रहों का महासंयोग

महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है. 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा. इस राशि में मंगल और शनि साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे. लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी. चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा.

Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त 2022

महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव की चार चरणों में पूजा करने का विधान है.

प्रथम प्रहर की पूजा – 01 मार्च की शाम 06.21 बजे, रात्रि 09.27 बजे तक.

द्वितीय प्रहर की पूजा- 01 मार्च की रात 09.27 बजे से रात्रि 12.33 बजे तक

तीसरे प्रहर की पूजा – 01 मार्च की रात 12:33 से सुबह 03.39 बजे तक

चतुर्थ प्रहर की पूजा- 02 मार्च को प्रातः 03:39 से 6.45 बजे तक.

पारण समय (Parana time) – 02 मार्च सुबह 6.45 बजे के बाद

Maha Shivratri 2022: पूजा विधि

फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि सभी 12 महीनों में हर महीने मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि में सबसे खास और मनोकामना पूर्ण करने वाली शिवरात्रि है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा का व्रत लें और पास के शिव मंदिर में जाएं. इसके बाद मन में भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करके उनका जलाभिषेक करें. महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के दौरान भगवान शिव को अक्षत, पान, पान, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा आदि चढ़ाएं. पूजा के दौरान शिव मंत्र का जाप करते रहें

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