माघ माह में महाशिवरात्रि एक बहुत बड़ा त्योहार माना जाता है. इस पर्व में मां पार्वती और महादेव की खास पूजा की जाती है. इस बार साल 2022 पर महाशिवरात्रि 1 मार्च को मंगलवार, के दिन पड़ रही है. माना जाता है कि जो व्यक्ति महाशिवरात्रि का व्रत रखकर महादेव और मां गौरी की सच्चे मन से आराधना करते हैं, उनकी हर एक कामना पूरी होती है. आइए जानते हैं वो कौन सी चीजें हैं जो शिव को अति प्रिय हैं और जिनका इस्तेमाल पूजा के समय जरूर करना चाहिए…
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकरको पंचामृत से स्नान कराएं. भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा से मनोकामना पूरी होती है और भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
भगवान के तीन नेत्रों का प्रतीक माना जाता है बिल्वपत्र. जो शिव को अति प्रिय है. तीन पत्तियों वाले इस बिल्वपत्र का शिव पूजन में प्रथम स्थान है. ऋषियों ने कहा है कि बिल्वपत्र महादेव को चढ़ाना मतलब 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल प्राप्त होना एक समान है.
भगवान शिव को धतूरा चढ़ाने के पीछे जहां धार्मिक कारण है वहीं इसका वैज्ञानिक आधार भी है. जैसा कि भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत माना गया है. यह काफी ठंडा क्षेत्र है जहां ऐसे आहार और औषधि की जरुरत होती है जो शरीर को ऊष्मा प्रदान कर सकें. वैज्ञानिक दृष्टि से धतूरा सीमित मात्रा में लेने से ये औषधि का काम करता है और शरीर को अंदर से गर्म रखता है.
शिव की आरती कर्पूर जलाकर की जाती है. भगवान शिव का प्रिय मंत्र है
कर्पूरगौरं करूणावतारं…. यानी जो कर्पूर के समान उज्जवल है.
शिव के शरीर में विष के अनिष्टकारी प्रभाव को कम करने के लिए उन्हें दूध चढ़ाया गया था. यही कारण है कि शिवलिंग पर दूध जरूर चढ़ाया जाता है.
महाशिवरात्रि पहले प्रहर की पूजा: 1 मार्च 2022 को 6:21 pm से 9:27 pm तक
महाशिवरात्रि दूसरे प्रहर की पूजा: 1 मार्च को रात्रि 9:27 pm से 12:33 am तक
महाशिवरात्रि तीसरे प्रहर की पूजा: 2 मार्च को रात्रि 12:33 am से सुबह 3:39 am तक
महाशिवरात्रि चौथे प्रहर की पूजा: 2 मार्च 2022 को 3:39 am से 6:45 am तक
व्रत का पारण: 2 मार्च 2022, बुधवार को 6:45 am