Mahashivratri: बम-बम बोल रही काशी, महादेव के विवाह उत्सव में डूबी बाबा नगरी, तस्वीरों में देखें अनोखे रंग
Mahashivratri 2022: फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है. महादेव और देवी पार्वती के शुभ विवाह के प्रतीक इस पावन पर्व पर इस बार पंचग्रही योग मकर राशि पर बन रहा है.
महाशिवरात्रि पर्व के पावन अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के लिए भक्तो की आस्था का हुजूम उमड़ा हैं। बाबा के दर्शनों के लिए भक्त रात्रि से ही कतारबद्ध होकर खड़े हैं। शिव- पार्वती के विवाहोत्सव के मौके पर पूरी काशी शिवमय नजर आ रही.
चारो तरफ़ हर हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही हैं। काशी विश्वनाथ जी मे मंगलवार की भोर मंगला आरती के बाद जगत के नाथ के दरबार के पट खुले तो शिव भक्त निहाल हो उठे और विश्वनाथ धाम से लेकर गंगा तट का क्षेत्र हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा।
बाबा दरबार में दर्शन-पूजन का यह सिलसिला बुधवार की रात शयन आरती तक अनवरत जारी रहेगा। आज रात बाबा दरबार में चार पहर की आरती होगी और उसी दौरान उनकी और माता गौरा के विवाह की रस्म परंपरागत तरीके से संपन्न होगी।
इसबार की महाशिवरात्रि में भोले भक्तों को बाबा का अनूठा दर्शन करने के लिए मिलेगा। क्योंकि 13 दिसंबर 2021 को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद यह पहली महाशिवरात्रि है जब भक्त महादेव का जलाभिषेक करने उनके दरबार पहुंचे हैं।
इस बार खास बात यह है कि श्रद्धालु गंगा में स्नान कर जलासेन घाट से सीधे बाबा दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। स्वर्णमंडित गर्भगृह की दीवारों के अलौकिक दृश्य देखकर भी इसबार भक्त मंत्रमुग्ध है। हर प्रकार से यह महाशिवरात्रि इसबार अनूठी हैं। भक्तो की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए दर्शन-पूजन के बाद विश्वनाथ धाम में बैठकर शांतिपूर्वक देवाधिदेव का ध्यान कर उनकी स्तुति करने का भी प्रबंध किया गया है।
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है। शिवरात्रि चमुर्दशी मंगलवार की भोर 3:16 बजे से 2 मार्च की रात 1 बजे तक है। महादेव और देवी पार्वती के शुभ विवाह के प्रतीक इस पावन पर्व पर इस बार पंचग्रही योग मकर राशि पर बन रहा है।