Shiv Navratri 2023: देश भर में महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023) का पर्व 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा. मान्यता है कि इस दिन शिव जी और पार्वती जी की शादी हुई थी. महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2023) का दिन तो शिवभक्तों के लिए खास होता है लेकिन इस त्योहार से पहले के 9 दिन भी बहुत खास माने जाते हैं.
आज 10 फरवरी 2023 से शिव नवरात्रि का पर्व आरंभ हो गया है. इन नौ दिनों में बाबा महाकाल का श्रृंगार एक दूल्हे की भांति किया जाएगा. चंदन, हल्दी और पुष्पों से श्रृंगार किया जाएगा. पूरे नौ दिन भगवान शिव के नौ अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन होंगे. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इस अवसर पर खास आयोजन होता है.
महाशिवरात्रि पर्व को लेकर मान्यता है कि इस दिन शिवजी का देवी पार्वती से विवाह हुआ था. शिव नवरात्रि इसी विवाह के पहले का उत्सव है. ये उत्सव सिर्फ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही मनाया जाता है, जो महाशिवरात्रि से 9 दिन पहले शुरू होता है. इन 9 दिनों में भगवान महाकाल को हल्दी और मेहंदी लगाई जाती है. इन 9 दिनों में भगवान महाकाल का मोहक श्रृंगार के साथ ही पूजन, अभिषेक और अनुष्ठान का दौर चलता है.
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शिव नवरात्रि के पहले दिन यानी 10 फरवरी को सुबह जल्दी उठकर अपनी इच्छा अनुसार व्रत-पूजा का संकल्प लें. यानी अगर आप इन 9 दिनों में उपवास रखना चाहते हैं तो वैसा संकल्प लें और यदि सिर्फ पूजा करना चाहते हैं तो वैसा संकल्प लें.
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शिव नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन सुबह शिवजी के साथ देवी पार्वती की पूजा का भी विधान है. इसके लिए घर के मंदिर में ही इन दोनों की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. सुबह स्नान करने के बाद पूरे श्रद्धा भाव से पूजन करें.
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पूजा में सबसे पहले पंचामृत, मोली-रोली, कुमकुम, फल-फूल, पंचगव्य, सुपारी, बेल-पत्र आदि चीजें अर्पित कर भगवान की आरती कर दान-पुण्य का लाभ लें. शिवाष्टक, रुद्राष्टक का पाठ करें महामत्युंजय मंत्र का जाप करें.