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Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि आज, जानिए किसने पहली बार पुकारा था ‘बापू’

Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: आज देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी. भारत में आज गांधी जी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है.

Mahatma Gandhi Death Anniversary 2024: आज देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी. भारत में आज गांधी जी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है. आइए जानते हैं महात्मा गांधी भारत (Mahatma Gandhi) के राष्ट्रपिता कैसे बने, महात्मा गांधी को पहली बार किसने राष्ट्रपिता कहकर पुकारा था, मोहनदास करमचंद गांधी से राष्ट्रपिता बनने तक सफर.

गांधी जी को महात्मा की उपाधि

गुजरात तट पर एक हिंदू परिवार में पैदा हुए और पले-बढ़े गांधी ने लंदन के इनर टेंपल में लॉ की पढ़ाई की और उन्हें 22 साल की उम्र में जून 1891 में बार में बुलाया गया था. वह 1893 में एक भारतीय का प्रतिनिधित्व करने के लिए दक्षिण अफ्रीका गए. भारत में दो अनिश्चित वर्षों के बाद एक मुकदमे में व्यापारी, जहां वह एक सफल कानून अभ्यास स्थापित करने में असमर्थ था. जिसके बाद में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में 21 साल बिताए.

यहीं पर गांधी ने एक परिवार का पालन-पोषण किया और पहली बार नागरिक अधिकारों के अभियान में अहिंसक प्रतिरोध का इस्तेमाल किया. 1915 में 45 वर्ष की आयु में वो भारत लौट आए और अत्यधिक भूमि कराधान और भेदभाव के विरोध में तुरंत किसानों और शहरी मजदूरों को संगठित करना शुरू कर दिया था.

महात्मा गांधी का जीवन परिचय

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था. महात्मा गांधी के दो भाई और एक बहन थी. जिसमें गांधी सबसे छोटे थे. मोहनदास बचपन से ही धार्मिक थे. वह पढ़ाई में ज्यादा अच्छे नहीं थे लेकिन अंग्रेजी में काफी निपुण थे.

सुभाष चंद्र बोस ने दी बापू की उपाधि

सुभाष चंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को गांधीजी को बापू की भी उपाधि दी थी. जब गांधीजी की पत्नी कस्तूरबा गांधी का निधन हुआ था तब यह शीर्षक उन्हें मिला था. “बापू” का अर्थ “पिता” होता है. गांधीजी को “महात्मा” और “राष्ट्रपिता” की उपाधि मिली थी.

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गांधी जी कैसे बने राष्ट्रपिता

दरअसल महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बीच वैचारिक मतभेद थे, लेकिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमेशा महात्मा गांधी का सम्मान किया. सबसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर पुकारा था. 6 जुलाई 1944 में रंगून रेडियो स्टेशन में अपने भाषण में सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कहकर बुलाया था. सुभाष चंद्र बोस ने कहा था, ‘हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना करता हूं.

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