सरायकेला : खादी पार्क परिसर में स्थित संग्रहालय करती है महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को रेखांकित
खादी पार्क से जुड़ी महिलायें आज भी गांधी जी के सपनों का साकार करने में लगी हुई है. करीब सौ महिलाएं यहां रोजाना सूत कताई बुनाई का कार्य करती है
शचिंद्र कुमार दाश, सरायरेला :
सरायरेला के आमदा खादी पार्क परिसर में स्थित संग्रहालय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को आज भी रेखांकित करती है. इस संग्रहालय में महात्मा गांधी की जिंदगी से जुड़ी कई फोटो प्रदर्शनी के रूप में लगाया गया है. जिसमें गांधी जी के दांडी यात्रा, नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन प्रमुख है. साथ ही साथ उनके विचारों को भी लिखकर प्रदर्शित किया गया है.
खादी पार्क से जुड़ी महिलायें आज भी गांधी जी के सपनों को साकार करने में लगी हुई है. करीब सौ महिलाएं यहां रोजाना सूत कताई बुनाई का कार्य और उनके विचारों को आत्मसात करने की कोशिश करती है. बता दें कि इस पार्क में गांधी जी के खादी वस्त्रों के प्रति लगाव को बहुत खूबसूरती से दर्शाया गया है. खास कर के गांधी जी की चरखा चलाते हुए फोटो बेहद शानदार है. महात्मा गांधी ने खादी को राष्ट्रीयता की भावना से जोड़ते हुए इसे देश के हर घर तक पहुंचाने का सपना देखा था. गांधी जी के इसी सपने को पूरा करने के लिए खादी बोर्ड के सभी लोग लगे हुए है.
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हर दिन दी जाती है गांधी जी को श्रद्धांजलि
इस संग्रहालय में कार्यरत सभी कर्मी आज भी रोजाना गांधी जी को श्रद्धांजलि देकर ही अपना कार्य शुरू करते हैं. काम की शुरूआत करने से पहले सभी लोग संत कवि नरसी हेमता की रचित गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये, जो पीर पराई जाणे रे, पर दुःखे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आणे रे… सकल लोक मां सहुने वन्दे, निन्दा न करे केनी रे, वाच काछ मन निश्चल राखे, धन-धन जननी तेरी रे… को गाते हैं. आज भी देश विदेश के कई लोग गांधी से जुड़ी बातों और विचारों को जानने समझने के लिए सरायकेला स्थित इस संग्रहालय में आते हैं.
खादी बोर्ड गांधी के विचारों को आत्मसात करने के साथ साथ जन जन तक पहुंचाने का भी कार्य कर रही है. आमदा स्थित गांधी संग्रहालय को और बेहतर बनाया जाएगा और उनसे जुड़ी कई और फोटो व वस्तुएं लगाए जाएंगे.
राखाल चंद्र बेसरा, सीइओ, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड