Mahesh Navami 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की नवमी तिथि के दिन महेश नवमी मनाई जाती है. इस वर्ष महेश नवमी आज यानी 29 मई यानी सोमवार के दिन पड़ रही है. मुख्य तौर पर महेश्वरी समाज महेश नवमी का यह पर्व धूमधाम के साथ मनाता है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का विधान बताया गया है.
पंचांग के अनुसार नवमी तिथि 28 मई को सुबह 09 बजकर 56 मिनट पर शुरू होकर 29 मई को सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. 29 मई को प्रातः काल और संध्याकाल में देवों के देव महादेव की पूजा उपासना के लिए उत्तम समय है.
-
इस दिन की पूजा करने वाले लोग महेश नवमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हैं.
-
ऐसे में यदि आपकी इस दिन की पूजा कर रहे हैं तो स्नान आदि करने के बाद पूजा प्रारंभ करें और भगवान शिव का अभिषेक करें.
-
इस दिन की पूजा में गंगाजल, धतूरा, फूल, बेलपत्र, आदि शामिल करना बेहद शुभ माना गया है. इससे भगवान शिव की प्रसन्नता जल्दी हासिल की जा सकती है.
-
भगवान शिव के साथ-साथ इस दिन माँ पार्वती की भी पूजा करें. ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं शीघ्र और अवश्य पूरी होती हैं.
महेश नवमी से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है कि, माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के हुआ करते थे. एक समय की बात है कि शिकार खेलने के दौरान उन्होंने ऋषियों को श्राप दे दिया. हालांकि जब भगवान शिव को इसके बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने ऋषियों को श्राप से मुक्त किया और उनके पूर्वजों की रक्षा की. इसके साथ ही उन्होंने उन्हें हिंसा को छोड़कर अहिंसा के मार्ग पर चलने की सलाह दी. बताया जाता है कि महादेव ने अपनी कृपा से ही इस समाज को अपना नाम दिया और तभी से इस समुदाय का नाम माहेश्वरी समुदाय पड़ा.
धार्मिक मान्यता के अनुसार महादेव की कृपा से माहेश्वरी समाज की वंशोत्पत्ति हुई है. माहेश्वरी समाज के लिए महेश नवमी का विशेष महत्व है. इस दिन मंदिर एवं शिवालय में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. भक्त, शिव जी की पूजा के लिए मंदिर जाते हैं. इस अवसर पर माहेश्वरी समाज द्वारा सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यों का आयोजन किया जाता है.