Jharkhand: माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की हत्या की गुत्थी सुलझी, CID ने किया बड़ा खुलासा
चार्जशीट में सीआइडी ने बताया है कि हत्यारे तक पहुंचने के लिए अलग-अलग जांच रिपोर्ट, पूछताछ की लंबी प्रक्रिया और घर से मिले विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों के पड़ताल की गयी.
सीआइडी ने शहर के चर्चित माहेश्वरी परिवार के छह सदस्यों की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. कोर्ट में 54 पेज की चार्जशीट दायर कर सीआअडी ने कहा कि ड्राई फ्रूट व्यवसायी नरेश माहेश्वरी ने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या की. बूढ़े माता-पिता और पत्नी को पंखे के हुक से फांसी में लटका कर मार डाला. वहीं, बेटी आनवी का गला घोंटा, जबकि पुत्र अमन की गला काट कर हत्या कर दी. इसके बाद अपार्टमेंट की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली.
कर्ज के बोझ से दबा था महेश्वरी परिवार :
कोर्ट को सौंपी गयी चार्जशीट में सीआइडी ने बताया है कि हत्यारे तक पहुंचने के लिए अलग-अलग जांच रिपोर्ट, पूछताछ की लंबी प्रक्रिया और घर से मिले विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों के पड़ताल की गयी. इस दौरान पाया गया कि महेश्वरी परिवार कर्ज के बोझ तले दबा था. वहीं, एलआइसी का बकाया प्रीमियम, बाजार से लिया गया कर्ज, बैंक खाते का खाली होना और फ्लैट का बैंक में मॉरगेज होना भी इनकी परेशानी का कारण था. इसके अलावा परिवार का ड्राई फ्रूट का व्यवसाय भी नहीं चल रहा था.
आसान मौत के लिए गूगल से ली थी जानकारी :
सीआइडी की चार्जशीट में बताया गया है कि महेश्वरी परिवार के सदस्यों की आसान मौत के लिए अपने मोबाइल फोन से कई जानकारियां गूगल से लेने का प्रयास किया था. नरेश महेश्वरी ने गूगल पर क्लोरोफार्म, इथर एवं सल्फास पर क्लिक किया था और बचने का चांस भी देखा था.
चार्जशीट में सीएसएफएल रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया गया है कि नरेश महेश्वरी और पत्नी प्रीति महेश्वरी द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट और एग्रीमेंट पेपर को जीइक्यूडी रिपोर्ट में उन्हीं के हाथों लिखा गया बताया गया है. वहीं, कमरे के भीतर और बाहर खून के जो धब्बे मिले थे, वह एक ही परिवार के थे. घटना के कारणों तक पहुंचने के लिए सीआइडी ने घटनास्थल पर घटना को रिक्रिएट भी किया था.
14 जुलाई 2018 की घटना
14 जुलाई 2018 को महेश्वरी परिवार के छह सदस्यों का शव खजांची तालाब के निकट शुभम अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर-303 में मिला था. मृतकों में महावीर महेश्वरी, उनकी पत्नी किरण अग्रवाल, बहू प्रीति अग्रवाल, पुत्र नरेश महेश्वरी, पोता अमन और पोती आनवी शामिल थे.