West Bengal : महुआ मोइत्रा ने कहा, कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स कमेटी उन पर पेश होने के लिए बना रही है दबाव
महुआ मोइत्रा ने कहा एथिक्स पैनल इस तरह की कथित आपराधिकता की जांच करने के लिए एक सही मंच नहीं है, क्योंकि ऐसे मामले समिति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते है.पैनल पर 'दोहरे मानदंड' रखने का आरोप लगाया है.
पश्चिम बंगाल की तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) कैश फॉर क्वेरी मामले में गुरुवार को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश होंगी. इससे पहले उन्होंने कमेटी से सामने एक खास मांग भी रख दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से जिरह की मांग की है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में जरूरत है कि हीरानंदानी से भी पूछताछ की जानी चाहिए. महुआ मोइत्रा ने एथिक्ट कमेटी को एक पत्र भी लिखा है. इसमें उन्होंने यह भी दावा किया कि संसदीय समितियों को आपराधिक मामलों में जांच का कोई अधिकार नहीं है.
Since Ethics Committee deemed it fit to release my summons to the media I think it is important I too release my letter to the Committee before my “hearing” tomorrow. pic.twitter.com/A8MwFRsImk
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 1, 2023
महुआ मोइत्रा ने इस पत्र में आरोप लगाया कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मामले में सुनवाई की तारीख बढ़ाने के उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया और उन पर पेश होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.उन्होंने हीरानंदानी से भी पूछताछ करने की मांग रखी है.
Just written to Hon’ble Speaker @loksabhaspeaker on serious issue of surveillance on Opposition members in violation of Constitutional freedoms & rule of law.@MamataOfficial @abhishekaitc @AITCofficial pic.twitter.com/tqmKpgkNew
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) November 1, 2023
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा बसपा सांसद दानिश अली पर असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल के संबंध में एक अलग मामले का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि उस मामले में बसपा सांसद के विपरीत भाजपा सांसद के लिए ‘एक अलग दृष्टिकोण’ अपनाया गया था और पैनल पर ‘दोहरे मानदंड’ रखने का आरोप लगाया है.
Also Read: डॉ निशिकांत दुबे का ममता बनर्जी की सांसद महुआ मोईत्रा पर डबल अटैक, कहा- दुबई दीदी क्या है मामलाव्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने पहले समिति को दिए गये एक हलफनामे में कहा था कि उन्होंने संसद में सवाल पूछने के बदले में महुआ को उपहार दिए थे. महुआ मोइत्रा लगातार इन आरोपों को खारिज करती नजर आ रही है. व्यवसायी ने कहा था कि टीएमसी नेता ने प्रधानमंत्री को ‘बदनाम और शर्मिंदा’ करने के लिए गौतम अडानी को निशाना बनाया. उन्होंने यह भी दावा किया था कि उन्होंने मोइत्रा को जानकारी दी थी जिसके आधार पर उन्होंने संसद में अडानी समूह पर हमला किया था.
Also Read: ‘मैं अकेले मामले से निपटने में सक्षम’, जानें ममता बनर्जी की खामोशी पर क्या बोलीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा टीएमसी सांसद ने कहा सबूतों का है अभावहीरानंदानी को ‘रिश्वत देने वाला’ कहते हुए, टीएमसी सांसद ने कहा कि उनके आरोपों में बहुत कम विवरण हैं और सबूतों का अभाव है. उन्होंने बिजनेसमैन के साथ-साथ उन संबंधित विभागों को भी जिरह करने की मांग की है जिनसे पैनल ने मामले पर रिपोर्ट मांगी थी. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या एथिक्स पैनल इस तरह की कथित आपराधिकता की जांच करने के लिए एक सही मंच नहीं है क्योंकि ऐसे मामले समिति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते है.
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