Noida: ग्रेटर नोएडा में थाना बीटा-2 क्षेत्र के पूर्वांचल रॉयल सिटी सोसाइटी में रहने वाले भट्ठा मालिक की घरेलू सहायिका ने 23.50 लाख रुपये पार कर दिए. शिकायत मिलने पर पुलिस ने घरेलू सहायिका और उसके पति को यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से गिरफ्तार किया है.
घरेलू सहायिका से हुई पूछताछ में बताया कि उसने प्लॉट खरीदने के लिए रोजाना 500 रुपये की एक गड्डी अलमारी से चुराई थी. भट्ठा मालिक को जब रुपये की जरूरत हुई तो चोरी का पता चला. पुलिस ने आरोपियों के घर से 15.40 लाख रुपये, दो पासबुक ,दो मोबाइल, एक बैग व एक लेडीज पर्स बरामद किए.
दरअसल, दनकौर एरिया में ईंट भट्ठा चलाने वाले मनीष सिंघल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि ईंट बेचने के बाद उन्होंने करीब 24 लाख रुपये अलमारी में रखे थे. अलमारी में उन्होंने ताला नहीं लगाया था. कैश की जानकारी उनकी घरेलू सहायिका ममता प्रजापति को थी. मनीष के मुताबिक, ममता उनके फ्लैट पर करीब तीन साल से काम कर रही थी. दनकौर रेलवे स्टेशन के पास खैरली हाफिजपुर में रहने वाली ममता का पुलिस वेरिफिकेशन भी था.
कुछ दिन पहले उन्होंने उन्हें रुपये की जरूरत हुई तो उन्होंने अलमारी खोली तो पाया कि 500 के नोट वाली कुल 47 गड्डियां गायब हैं. उन्होंने ममता पर शक जाहिर किया था. साथ ही, घर से 23.50 लाख रुपये, दो पासबुक, दो फोन, एक बैग और एक लेडीज पर्स गायब होने की शिकायत दी. पुलिस ने यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से ममता और उसके पति राजेंद्र को गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ मे ममता ने बताया कि उसने अपने पति को अलमारी में 23 लाख रुपये रखे होने की जानकारी दी थी, जिसके बाद दोनों ने मिलकर रुपये चोरी करने की योजना बनाई थी. प्लान था कि इन रुपयों से दोनों इसी शहर में एक प्लॉट खरीदेंगे. दोनों ने प्लॉट तलाश कर 50 हजार रुपये बयाना भी दे दिया था. बाकी पेमेंट भी जल्द करने वाले थे.
नोएडा सेक्टर-24 स्थित ईएसआई अस्पताल के सामने रविवार देरशाम बिजली का खंभा लगाते समय करंट की चपेट में आकर सात कर्मचारी झुलस गए. इसमें बिजली का काम करने वाले एक कर्मचारी की मौके पर ही मौत हो गई. अन्य घायलों को नजदीक के अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है. वहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी को घर भेज दिया गया.
विद्युत निगम के अधिकारियों का कहना है कि खंभा लगाने का काम प्राधिकरण के ठेकेदार की ओर से किया जा रहा था. इसके लिए उन्होंने शटडाउन नहीं लिया था. एसीपी सुशील गंगा प्रसाद ने बताया कि रविवार को शाम छह बजकर 45 मिनट पर ईएसआई अस्पताल के बाहर ठेकेदारी में सात लोग स्ट्रीट लाइट के खंभे सड़क पर लगा रहे थे. इस दौरान ऊपर से जा रही 11 हजार केवी की लाइन की चपेट में सभी सात लोग आ गए. बिहार के अररिया के 25 वर्षीय दिलकश राजा की मौके पर ही मौत हो गई. वह ठेकेदार के अंडर में काम करता था.
राहगीरों से सूचना मिलते ही एसीपी पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे और घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. इस दौरान कुछ समय के लिए यातायात भी बाधित रहा. सड़क के दोनों तरफ लोग जमा हो गए. करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद पुलिस ने लोगों को मौके से हटाया. प्राथमिक उपचार के बाद मामूली रूप से झुलसे आदिल, मूसा, अब्दुल करीम अंसारी, अफरोज, नसीर और मुश्ताक को घर भेज दिया गया.
विद्युत निगम के एसडीओ विक्रांत कुमार का कहना है कि संबंधित काम के लिए प्राधिकरण की ओर से कोई शटडाउन नहीं मांगा गया था. इस बारे में जब प्राधिकरण की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं आया है. मृतक के भाई यासीन अंसारी की तहरीर पर सविता इलेक्ट्रॉनिक कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार संजय गोयल, सुपरवाइजर शहबान, पेटी ठेकेदार मोहम्मद फिरोज के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.