मैनपुरी: शारीरिक दिव्यांगता सूरज की सफलता में नहीं बनी बाधा, UPSC में 917वीं रैंक पाकर जिले का नाम किया रोशन

मैनपुरी जिले के कुरावली कस्बे के रहने वाले सूरज तिवारी एक मध्यम परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता दर्जी का काम करते हैं और साधारण जीवन जीते हैं. पिता ने काफी मेहनत से सूरज को इस परीक्षा के लिए तैयार किया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 23, 2023 9:54 PM

मैनपुरी. देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी 2022 का परिणाम घोषित हो गया है. जिसमें मैनपुरी के सूरज तिवारी ने वह कर दिखाया है जो कोई सोच भी नहीं सकता है. एक हादसे में शारीरिक रूप से दिव्यांग हुए मैनपुरी के सूरज ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपने परिवार और शहर का नाम रोशन किया है. उनके परिजनों में इस समय काफी खुश है. सूरज को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद कई लोगों के चेहरे खिले हैं तो कई लोगों को मायूसी हाथ लगी है.

यूपीएससी 2022 के परीक्षा परिणाम

वहीं जिन लोगों ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा में स्थान प्राप्त किया है उनमें कई ऐसे अभ्यर्थी भी हैं. जिन्हें देखकर लोग अचानक ही अपने दांतो तले उंगली दबा लेते हैं. यूपीएससी 2022 के परीक्षा परिणाम में मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी को 917 वी रैंक प्राप्त हुई है. भले ही रैंक का दायरा काफी ज्यादा हो. लेकिन सूरज के बारे में जब लोगों को पता चलता है तो वह लोग सूरज की इस रैंक को टॉप 10 में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों से जोड़कर देखते हैं.

2017 में सूरज के साथ हुआ था एक हादसा

मैनपुरी जिले के कुरावली कस्बे के रहने वाले सूरज तिवारी एक मध्यम परिवार से संबंध रखते हैं. उनके पिता दर्जी का काम करते हैं और साधारण जीवन जीते हैं. पिता ने काफी मेहनत से सूरज को इस परीक्षा के लिए तैयार किया. 2017 में सूरज के साथ एक हादसा हुआ था. ट्रेन एक्सीडेंट के दौरान सूरज के दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियां हादसे का शिकार हो गई थी. जिन्हें उन्होंने खो दिया था. लेकिन सूरज की शारीरिक कमजोरी कभी उनके हौसले के आगे बाधा नहीं बनी.

Also Read: UPSC परीक्षा-2022 में चयनित अभ्यर्थियों को सीएम योगी ने दी बधाई, टॉपर्स की टॉप टेन लिस्ट में 6 लड़कियां शामिल
मेरे बेटे ने आज हमारे परिवार और जिले का नाम किया रोशन

आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी सूरज ने अपनी दिव्यांगता के साथ ही अपनी मंजिल की ओर बढ़ना शुरू कर दिया और आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. सूरज की इस सफलता से जहां एक तरफ उनका परिवार और रिश्तेदार काफी खुश हैं. वहीं जिले के लोग भी सूरज की सफलता का लोहा मान रहे हैं. सूरज के पिता जब लोगों से बात करते हैं तो उनका कहना है कि मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि मेरे बेटे ने आज हमारे परिवार और जिले का नाम रोशन कर दिया है.

Next Article

Exit mobile version