बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि
पूर्व नौसैनिकों की रिहाई प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों तथा हमारे कूटनीतिज्ञों की सक्रियता का परिणाम है.
कतर द्वारा आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों की रिहाई उनके परिजनों और करीबियों के साथ-साथ समूचे देश के लिए बड़ी खुशखबरी है. एक निजी जहाज कंपनी में कार्यरत इन पूर्व नौसैनिकों को बीते साल अगस्त में जासूसी के एक कथित मामले में हिरासत में लिया गया था. अक्टूबर में कतर की एक निचली अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनायी थी. भारत ने इस फैसले को बेहद चिंताजनक बताया था और पूर्व नौसैनिकों को हर संभव कानूनी सहायता देने की बात कही थी. इस प्रकरण में सबसे उल्लेखनीय मोड़ तब आया, जब एक दिसंबर को दुबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर तमीम बिन हमाद की मुलाकात हुई. दोनों नेता संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के लिए दुबई पहुंचे थे. हालांकि भारत और कतर की ओर से आधिकारिक रूप से यह जानकारी नहीं दी गयी थी कि इस बैठक में पूर्व भारतीय नौसैनिकों की गिरफ्तारी और सजा पर चर्चा हुई थी या नहीं, लेकिन उसके बाद मामला तेजी से आगे बढ़ने लगा. उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने इतना ही कहा था कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग की संभावनाओं तथा कतर में कार्यरत भारतीयों के बारे में बातचीत की.
इस बैठक के तुरंत बाद तीन दिसंबर को कतर स्थित भारतीय दूतावास को पूर्व नौसैनिकों से संपर्क की अनुमति मिल गयी और पूर्व नौसैनिकों को जरूरी कानूनी सहायता मुहैया होने लगी. भारत के सहयोग से तैयार याचिका को ऊपरी अदालत स्वीकार कर लिया और सात दिसंबर को ही वहां पहली सुनवाई हो गयी. अदालत ने 28 दिसंबर को मौत की सजा को पलट दिया. तब यह उम्मीद और बढ़ गयी थी कि पूर्व नौसैनिक देश वापस लौटेंगे. उल्लेखनीय है कि कतर समेत विभिन्न खाड़ी देशों और अन्य अरब देशों में बड़ी संख्या में भारतीय कार्यरत हैं. उन देशों ने अक्सर यह रेखांकित किया है कि उन देशों की समृद्धि एवं विकास में भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. ये भारतीय हमारे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बड़ा योगदान देते हैं. कतर समेत अनेक देशों से हम भारी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस खरीदते हैं. उन देशों से भारत के संबंध हमेशा से अच्छे रहे हैं, पर प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में न केवल संबंधों में मजबूती आयी है, बल्कि उन देशों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत स्तर पर निकटता स्थापित की है. हाल में कतर के साथ प्राकृतिक गैस की खरीद के समझौते को विस्तार दिया गया है. कुछ ही समय में पूर्व नौसैनिकों की रिहाई से यही संकेत मिलता है कि यह सफलता प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों तथा हमारे कूटनीतिज्ञों की सक्रियता का परिणाम है. भारत ने कतर के अमीर के प्रति आभार व्यक्त किया है. निश्चित रूप से इस रिहाई से भारत और कतर के संबंध बेहतर होंगे.