मकर सक्रांति 14 फरवरी को मनाएं या 15 जनवरी को इस बात को लेकर असमंजस में हैं तो बता दें कि दृक पंचांग और ठाकुर प्रसाद पंचाग के अनुसार मकर संक्रांति 14 फरवरी, शुक्रवार को है. 14 फरवरी को पुण्य काल 2 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5:45 बजे तक है. यह अवधि 3 घंटे 2 मिनट तक है. वहीं महापुण्य काल की बात करें तो यह समय 2 बजकर 43 मिनट से लेकर 4 बजकर 28 मिनट यानी 1 घंटा 45 मिनट तक का है. इस समय में दान करने का अत्यंत शुभ माना गया है.
14 जनवरी
पुण्यकाल : 2:43 PM – 5:45 PM
कुल समय – 3 घंटे 2 मिनट
महापुण्य काल : 2:43 PM – 4: 28 PM
कुल समय- 1 घंटा 45 मिनट
मकर संक्रांति के दिन वैसे तो पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ होता है लेकिन यदि ऐसा संभव न हो तो इस दिन नहाने के पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करें. स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. लाल फूल और अक्षत चढ़ाएं. सूर्य बीज मंत्र का जाप करें. इस दिन गीता पाठ करना भी विशेष फल देने वाला होता है.
मकर संक्रांति के दिन दान को महादान की श्रेणी में आंका जाता है. इस दिन किए गए दान से महापुण्य की प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति के दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, कंबल, घी जैसी चीजें जरूरतमंदों और ब्रह्मण को दान देना शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति पर इस साल लोग दो तिथियों को लेकर असमंजस में हैं. अपने संशय को दूर करने के लिए यह जान लें कि मकर संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं. इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गोचर कर रहें हैं. ज्योतिष के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करते हैं, तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा. 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल विशेष महत्व रखता है.