Makar Sankranti पर भूलकर भी ना करें ये काम, बुरे हो सकते हैं परिणाम

Makar Sankranti 2022: सूर्य ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करने के कारण मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 14 जनवरी को पड़ रहा है. मकर संक्रांति के दिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो त्योहार के दिन नहीं करनी चाहिए और इनको करना इस दिन वर्जित बताया गया है

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2022 7:51 AM
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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति के त्योहार के साथ सूर्य की गति उत्तरायण की ओर हो जाती है. इस दिन कुछ कार्यों का विशेष महत्व है जिसमें दान के साथ-साथ पूजा-पाठ सहित तमाम चीजें शामिल हैं. ऐसा माना जाता है कि इस पर्व पर गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने से घर में सुख एवं शांति भरा माहौल बना रहता है.

कहते हैं कि सूर्य देव की पूजा के बाद इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. मकर संक्रां​ति के दिन खिचड़ी खाने और तिल के लड्डू खाने की परंपरा है. तिल की तासीर गर्म होती है. सर्दी के समय में तिल खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है.

Makar Sankranti 2022 : शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 09 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक है. मकर संक्रांति के दिन दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक शुक्ल योग है, उसके बाद से ब्रह्म योग लग जाएगा.

Makar Sankranti 2022 : ये है मान्यता

ऐसी मान्यता है कि इस दिन को दिया गया दान विशेष फल देने वाला होता है. इस दिन व्यक्ति को किसी गृहस्थ ब्राह्मण को भोजन या भोजन सामग्रियों से युक्त तीन पात्र देने चाहिए.

मकर संक्रांति के दिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं जो त्योहार के दिन नहीं करनी चाहिए और इनको करना इस दिन वर्जित बताया गया है

  • मकर संक्रांति के दिन तामसी भोजन जैसे- प्याज, लहसुन, मांस जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे आपके अंदर अधिक गुस्सा और नकारात्मक ऊर्जा आती है.

  • यदि आपके घर पर कोई भिखारी आया है, तो उसे खाली हाथ न लौटाएं. इस दिन दान अवश्य करें.

  • मकर संक्रांति के दिन अपनी वाणी को पवित्र रखना चाहिए. पूरा दिन किसी को अपशब्द ना कहें और ना किसी पर गुस्सा करें. सभी के साथ मधुरता के साथ समय बिताएं. इसके साथ ही बड़े लोगों का सम्मान करते हुए उनसे आशीर्वाद भी लें.

  • इस दिन दान की खास मान्यता होती है. अगर आपके घर कोई भिखारी या गरीब कुछ मांगने आता है तो भूल से भी उसे खाली हाथ न भेजें. उसे दान में खिचड़ी व अन्य चीजें भेंट करें.

  • अगर सूर्य देव की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन संध्या काल यानी सूरज ढलने के बाद अन्न का सेवन न करे.

  • वैसे तो व्रत रखने वाले हर नियम को फॉलो करते हैं, लेकिन जो व्रत नहीं रख रहे हैं और पूजा-पाठ में विश्वास रखते हैं, तो उन्हें भी कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. स्नान एवं पूजा से पूर्व किसी भी तरीके से भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए.

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