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Makar Sankranti 2022: शुभ संयोग में दो दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति, जानें स्नान-दान का समय

Makar Sankranti 2022: सूर्य के गोचर को संक्रांति कहते हैं. ऐसे में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जायेगा. मकर संक्रांति वर्ष 2022 का पहला त्यौहार भी है और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस वर्ष मकर संक्रांति एक नहीं बल्कि दो दिनों तक मनाई जाएगी.

14 जनवरी को मकर संक्राति शुक्ल और ब्रह्मा योग के शुभ और मंगलकारी योग में मनाई जा रही है. इसके अलावा 15 जनवरी को रोहिणी नक्षत्र रहने वाला है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य के अस्त होने से पहले जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है उसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है जो की इस वर्ष भारत के कुछ भाग मे़ 14 जनवरी को मनाया जायेगा, वहीं उदया तिथि के महत्व के चलते इस वर्ष 15 जनवरी को विशेष कर बिहार, झारखंड बंगाल भी बहुत से लोग मकर संक्रांति का स्नान-दान और पुण्य करेंगे.

क्या समय रहेगा मकर संक्रांति का ?

मकर संक्रांति 2022 की तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर है. 14 जनवरी, शुक्रवार की रात्रि को 08 बजकर 49 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे. मकर संक्रांति का पुण्य काल अगले दिन यानी 15 जनवरी, शनिवार की दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. ऐसे में दान,स्नान और ध्यान करने के लिए 15 जनवरी, शनिवार के दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी. 14 जनवरी की रात को संक्रांति शुरू हो जाने के कारण पुण्य काल में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा. मकर संक्रांति को कई स्थानों पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है. इस दिन को खिचड़ी का त्योहार भी कहते हैं.

क्या महत्व है इस त्यौहार का ?

इस दिन सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश, माँ लक्ष्मी, भगवान सूर्य, भगवान शिव की पूजा करता है ऐसे व्यक्ति का सोया भाग्य भी जाग जाता है और जीवन में सुख समृद्धि अपने आप ही दस्तक देने लगती है. यही वजह है कि इस दिन तिल, गुड़ और खिचड़ी का दान करना भी शुभ माना गया है. कहते हैं ऐसा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.

इसके अलावा इस दिन से जुड़ी एक और अनोखी मान्यता के अनुसार माना जाता है कि क्योंकि इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र से मिलने जाते हैं ऐसे में इस दिन यदि कोई भी पिता अपने पुत्र से मिलने जाये तो उनकी सारी समस्याएं अवश्य ही दूर होने लगती हैं.

मकर संक्रांति के उपाय

उपाय – 1

मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें. अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें.

मंत्र – ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्

कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें. इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी. यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है.

उपाय – 2

मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा. अर्घ्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें. इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है.

उपाय – 3

सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मकर संक्रांति पर सूर्य यंत्र की स्थापना कर के पूजा करनी चाहिए. इससे दोष कम होते हैं और विशेष लाभ भी मिलता है. सूर्य यंत्र की स्थापना इस प्रकार करें.

स्थापना विधि – मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्यदेव को प्रणाम करें. इसके बाद सूर्य यंत्र को गंगाजल व गाय के दूध से पवित्र करें. अब इस यंत्र की पूजा करने के बाद सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए. मंत्र- ऊं घृणि सूर्याय नम:

जाप करने के बाद इस यंत्र को अपने पूजा स्थान पर करें. इस यंत्र की पूजा से शीघ्र ही सूर्य संबंधी होने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.

उपाय – 4

मकर संक्रांति पर गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है. अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए. ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं.

उपाय – 5

मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए दान का पुण्य सौ गुना होकर प्राप्त होता है. अगर आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दे तो इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करें. गरीबों को भोजन करवाएं तो और भी जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होगी.

उपाय – 6

ज्योतिष के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है. मकर संक्रांति पर तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है. इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है.

उपाय – 7

मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें. अपने सामने बाजोट (पटिए) पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद सूर्यदेव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं. पूजा में लाल फूल का उपयोग अवश्य करें. इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें

मंत्र- ऊं भास्कराय नम:

कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें

भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है मकर संक्रांति उत्सव

भारत में एक ही त्योहार अनेक रूपों में मनाया जाता है. तमिलनाडु में मकर संक्रांति का पर्व पोंगल के रूप में मनाया जाता है, जिसे वहां माद्दू पोंगल कहा जाता है. असम में मकर संक्रांति पर बिहू पर्व मनाया जाता है. जानिए भारत में कहां किस रूप में मनाई जाती है मकर संक्रांति…

तमिलनाडु में पोंगल-:

पोंगल के त्योहार में मुख्य रूप से बैल की पूजा की जाती है क्योंकि बैल के माध्यम से किसान अपनी जमीन जोतता है. गाए व अन्य पशुओं को सजाया जाता है. उनके सींगों पर चित्रकारी की जाती है. उसके बाद भगवान को नई फसल का भोग लगाया जाता है व गाए व बैलों को भी गन्ना व चावल खिलाया जाता है. इस अवसर पर बैलों की दौड़ और अन्य खेलों का भी आयोजन होता है.

असम में बिहू-:

मकर संक्रांति के अवसर पर असम में बिहू उत्सव मनाया जाता है. यह फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है. माघ बिहू के पहले दिन को उरुका कहा जाता है. इस दिन लोग नदी के किनारे अथवा खुली जगह में धान की पुआल से अस्थाई छावनी बनाते हैं जिसे भेलाघर कहते हैं. गांव के सभी लोग यहां रात्रिभोज करते हैं. गांव के सभी लोग इस मेजी के चारों और एकत्र होकर भगवान से मंगल की कामना करते हैं.

उत्तर प्रदेश तथा बिहार में मनाया जाता है खिचड़ी पर्व-:उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति का पर्व खिचड़ी के नाम से मनाया जाता है. वहां इस दिन खिचड़ी सेवन एवं खिचड़ी दान का अत्यधिक महत्व माना जाता है. इस दिन सुबह नदी में स्नान कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.

गुजरात में उत्तरायण-:

मकर संक्रांति का पर्व गुजरात में उत्तरायण के रूप में मनाया जाता है. इस दिन वहां के लोग पतंग उड़ाते हैं और तिल-गुड़ के लड्डू खाते हैं.

पंजाब में लोहड़ी-:

पंजाब में मकर संक्रांति के एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है. इस उत्सव में रात को आग जलाकर उसके आस-पास महिला व पुरुष परंपरागत नृत्य करते हैं. साथ ही आग में तिल, मूंगफली और चिवड़ा डाला जाता है.

सूर्य के मकर राश‍ि में प्रवेश का सभी 12 राश‍ियों पर भी अलग-अलग असर पड़ता है. यह क‍िसी राश‍ि के ल‍िए शुभ तो क‍िसी के ल‍िए अशुभ भी हो सकता है. आइए जानते हैं मकर संक्रांत‍ि का आपकी राश‍ि पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है…

मेष : मेष राश‍ि के जातकों को अहंकार और विवाद की स्थिति से बचना होगा. ऐसा नहीं करने पर पद और धन के मामले में नुकसान उठाना पड़ सकता है. मेष राश‍ि के जातकों को अपने खर्चों पर काबू करना होगा. आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर गंभीर होने का वक्त आ गया है.

वृषभ : वृषभ राश‍ि के लोगों के मामले में भ्रम की स्थिति बन सकती है. इस वजह से अहम फैसले लेने में कठ‍िनाई आ सकती है. आप अपने जीवन साथी को खुश रखने की कोश‍िश करें. आपके सम्मान में बढोतरी होने की पूरी उम्मीद है.

मिथुन : मिथुन राश‍ि के जातकों को बातचीत के दौरान संयम बरतने की जरूरत है. इसके अलावा वाणी दोष की स्थिति से बचने की भी कोश‍िश करें. ऐसा नहीं करने पर रिश्तों पर असर पड़ सकता है. आपको साफ-सफाई के नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा.

कर्क : कर्क राश‍ि के जातकों के प्रतिद्वंदी सक्रिय रहेंगे. दफ्तर में आपकी उपलब्धियों को कमतर आंका जा सकता है. हालांक‍ि ऐसे हालात में आपको धीरज बनाए रखना होगा. बॉस को खुश रखें. अपने काम में कोई कमी नहीं आने दें.

सिंह : सिंह राश‍ि के जातकों को नौकरी और ब‍िजनेस में आगे बढ़ने के अच्छे मौके म‍िल सकते हैं. धन लाभ की स्थिति बनी हुई है. इन्वेस्टमेंट से भी लाभ हास‍िल हो सकता है. आपके काम की तारीफ होगी. आपकी पद-प्रतिष्ठा में बढोतरी की स्थिति बन सकती है.

कन्या : कन्या राश‍ि के लोगों को इस मकर संक्रांत‍ि गैरजरूरी खर्चों से राहत मिलने की उम्मीद है. बचत की दिशा में कुछ बड़े कदम उठा सकते हैं. आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें. क्योंक‍ि इस मामले में लापरवाही भारी पड़ सकती है. अपने परिजनों से मधुर संबंध बनाने की कोश‍िश करें.

तुला : तुला राश‍ि के जातकों को अपने लक्ष्य को हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. लेक‍िन आपको धीरज खोने की जरूरत नहीं है. आपको अपने खानपान पर समुच‍ित ध्यान देना होगा. आपको पेट से जुड़ी बीमारी परेशान कर सकती है. अहंकार से दूर रहें और क‍िसी से मीठी बोली बोलें.

वृश्चिक : वृश्चिक राश‍ि के लोगों को जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाह‍िए क्योंक‍ि ऐसा करने से नुकसान होने की संभावना है. आप दूसरों की सलाह भी तभी लें जब बहुत जरूर हो. आंख बंद कर क‍िसी पर भरोसा करना घातक साबित हो सकता है. धन के मामले में आपको सावधानी बरतने की जरूरत है. अपनी पूंजी का इस्तेमाल सोच समझ कर ही करें.

धनु : धनु राश‍ि के जातकों आलस का त्याग करना होगा. आपको अच्छे मौके हासिल हो सकते हैं. लेकिन इसके लिए खुद को और सतर्क रखना होगा. नए लोगों से म‍िलने जुलने का योग है. दान-पुण्य के कार्यों में आपकी द‍िलचस्पी बढ़ेगी.

मकर : मकर राश‍ि के लोगों को उनकी मेहनत का फल हासिल होगा. मन प्रसन्न बना रहेगा. प्रमोशन की स्थिति बनी हुई है. ऑफिस में दिए गए काम को समय पर पूरा करने का प्रयास करें. अतिरिक्त जिम्मेदारियों से घबराएं की जरूरत नहीं है.

कुंभ : कुंभ राश‍ि के जातकों को मकर संक्रांत‍ि पर सेहत के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही महंगी पड़ सकती है. परिवार पर ध्यान देना होगा. व्यस्तताएं बढ़ सकती हैं. धन की कमी के कारण बड़े काम प्रभाव‍ित हो सकते हैं. लेकिन धैर्य बनाए रखने की जरूरत है. दोस्तों का सहयोग म‍िलेगा.

मीन : मीन राश‍ि के लोगों को वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है. तनाव या वाद विवाद की स्थिति से बचकर रहें तो बेहतर है. लेनदेन के मामले में भी हिसाब किताब को ठीक रखने की जरूरत. पार्टनर के साथ मतभेद हो सकते हैं. नए काम की योजना बना सकते हैं.

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594 /9545290847

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