Makar Sankranti 2023: रविवार को है मकर संक्रांति, इस दिन खिचड़ी खाना शुभ या अशुभ? जानें इससे जुड़ी बड़ी बातें

Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति इस साल 15 जनवरी, रविवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन खिचड़ी खाने, पकाने और दान करने की परंपरा होती है. लेकिन रविवार के दिन खिचड़ी खाने को शास्त्रों के अनुसार सही नहीं माना गया है. तो आइए जानते हैं कब खा सकते हैं खिचड़ी.

By Bimla Kumari | January 15, 2023 8:13 AM
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Makar Sankranti 2023: इस साल 15 जनवरी यानी रिवावर को मकर संक्राति पड़ रहा है, हालंकि इस को कई मायने में बेहद शुभ माना जा रहा. इस मौके पर लोग गंगा नदी में स्नान करके दान करते हैं. और बाद में दही-चुड़ा और तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाते हैं. शाम के समय में इस दिन खिचड़ी भी खाई जाती है, लेकिन यहां कंफ्यूजन ये है कि रविवार को खिचड़ी खानी चाहिए या नहीं. साथ ही आज हम ये भी जानेंगे कि रविवार के दिन किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, आइए जानते हैं रविवार के दिन कौन सी वस्तुओं का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए.

रविवार को सूर्य देव की पूजा

हिंदू ज्योतिष व धार्मिक महत्व के अनुसार रविवार का दिन सूर्यदेव का दिन माना जाता है. कहा जाता है कि रविवार को सूर्यदेव की उपासना के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन होता है. ऐसी मान्यता है कि जिस व्यक्ति पर सूर्य देव कृपा रहती है. उसका जीवन चमक उठता है. इतना ही नहीं जिस व्यक्ति के जीवन में मान-सम्मान तथा यश वैभव की कमी होती है, सूर्य देव की पूजा करने से लाभ मिलता है.

रविवार को नहीं खानी चाहिए खिचड़ी

रविवार के दिन खिचड़ी खाना शास्त्रों के अनुसार सही नहीं माना जाता है. खासतौर पर काली उड़द की दाल की बनी खिचड़ी को रविवार को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए. क्योंकि यह शनि से संबंधित भोजन है और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक रविवार के दिन शनि से संबंधित चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही आपको बता दें कि इस दिन न ही तेल का सेवन करना चाहिए और न ही तेल से शरीर की मालिश नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से जातक का सूर्य कमजोर होता है.

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मकर संक्रांति पर क्यों खाते हैं दही-चूड़ा और खिचड़ी ?

मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा के साथ तिलकुट और खिचड़ी खाना चाहिए. धार्मिक दृष्टि से इस दिन इन चीजों का सेवन कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. मकर संक्रांकि के दिन खिचड़ी खाने से सारे कष्ट दूर होते हैं. इसी समय धान की कटाई होती है और नए चावल निकलते हैं. मान्यता है कि धान की कटाई होने के बाद चावल को पकाकर उसे खिचड़ी के रूप में सबसे पहले सूर्य देवता को भोग लगाया चाहिए, फिर खिचड़ी खानी चाहिए, इससे सूर्य देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

यूपी और बिहार में दही चूड़ा का भोग

मकर संक्रांति के दिन यूपी और बिहार में सूर्य देवता को दही चूड़ा का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि इससे रिश्तों में मजबूती आती है और दही-चूड़ा और खिचड़ी दोस्तों को और रिश्तेदारों को दिया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और खिचड़ी खाने से सौभाग्य और यश की प्राप्ति होती है. इस दिन दही चूड़ा और खिचड़ी का दान करना बेहद शुभ माना जाता है.

रविवार को है मकर संक्रांति खिचड़ी खाना शुभ या अशुभ?

मकर संक्रांति के दिन विशेषरूप से खिचड़ी को प्रसाद के रुप में ग्रहण किया जाता है. ऐसे में लोगों के बीच असमंजस की स्थिति है कि क्या रविवार के दिन मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाना शुभ होगा या नहीं? आपको बता दें कि रविवार के दिन मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाना बेहद शुभ रहेगा. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शनि का प्रभाव भी कम होता है. धार्मिक कथा के अनुसार, मकर संक्रांति पर सूर्यदेव अपनी नाराजगी दूर कर पुत्र शनि से मिलने उनके घर जाते हैं.

ऐसे में यदी आर उलझन में हैं कि क्या मकर संक्रांति के दिन रविवार को खिचड़ी खा सकते हैं या नहीं तो ये भ्रम मन से निकाल दिजीए. आप मकर संक्रांति पर खिचड़ी का भोग ग्रहण कर सकते हैं. खिचड़ी को स्वयं ग्रहों का प्रसाद कहा जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि प्रसाद सभी स्थिति में ग्रहण करने योग्य होता है.

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