Makar Sankranti 2022 Shubh Muhurat: मकर संक्रांति के दिन कब होगा पुण्य काल, जानें यहां

Makar Sankranti 2022 Shubh Muhurat: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल आज यानी 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. स्थान आधारित पंचांग और पुण्यकाल के कारण पर्व ऐसी स्थिति बनी है. यहां जानें मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दान के सही समय के बारे में पूरी जानकारी

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2022 6:40 PM
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मुख्य बातें

Makar Sankranti 2022 Shubh Muhurat: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल आज यानी 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. स्थान आधारित पंचांग और पुण्यकाल के कारण पर्व ऐसी स्थिति बनी है. यहां जानें मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और दान के सही समय के बारे में पूरी जानकारी

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15 जनवरी को भी मनाई जाएगी मकर संक्रांति

इस वर्ष पंचांग भेद की वजह से मकर संक्रांति का त्योहार दो दिन यानी 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. दरअसल स्थान के आधार पर पंचांग की गणना और पुण्यकाल की वजह से इस बार पंचांग की तिथि को लेकर मतभेद है.

मकर संक्रांति के दिन न करें ये कमा

  • कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन मदिरा पान, तामसिक पदार्थों का सेवन आदि से परहेज करना चाहिए.

  • इस दिन स्नान और दान से पूर्व भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए.

  • मकर संक्रांति के दिन घर के बाहर आए किसी भिखारी या जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं. इस दिन दान अवश्य करें.

मकर संक्रांति पद तिल दान का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति से देवताओं का दिन प्रारंभ होता है क्योंकि इस दिन से सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. यह दिन शुभ कार्यों के लिए अच्छा होता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद भगवान सूर्य को काले तिल मिला जल अर्पित करें. फिर गरीब या किसी जरूरतमंद को काला तिल, रेवड़ी, तिल का लड्डू, खिचड़ी आदि का दान करें.

14 और 15 जनवरी दोनों दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति

इस वर्ष पंचांग भेद की वजह से मकर संक्रांति का त्योहार दो दिन यानी 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. दरअसल स्थान के आधार पर पंचांग की गणना और पुण्यकाल की वजह से इस बार पंचांग की तिथि को लेकर मतभेद है.

मकर संक्रांति पूजा विधि

मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर अपने पास स्थित किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें. फिर इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें. सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही शनिदेव को भी जल अर्पित करें और शनि से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करें. इसके बाद गरीबों को तिल और खिचड़ी का दान करें.

14 जनवरी को दान का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर होगा. मकर संक्रांति का पुण्य काल दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. मकर संक्रांति का महापुण्य काल दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शाम 04 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.

मकर संक्रांति पर करें इन मंत्रों का जाप

मकर संक्रांति का त्यौहार भगवान सूर्य को समर्पित है. इस दिन भक्त भगवान सूर्य की विधिवत पूजा करते हैं. सूर्य देव की पूजा के दौरान भक्तों को कुछ मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए.

मकर संक्रांति की तिथि को लेकर मतभेद

इस वर्ष पंचांग भेद की वजह से मकर संक्रांति का त्योहार दो दिन यानी 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. दरअसल स्थान के आधार पर पंचांग की गणना और पुण्यकाल की वजह से इस बार पंचांग की तिथि को लेकर मतभेद है.

मकर संक्रांति पर ना करें यह गलती

मकर संक्रांति के दिन लोगों को लहसुन, प्याज और मास नहीं खाना चाहिए. इस त्यौहार को सादगी के साथ मनाना चाहिए. इसके साथ मकर संक्रांति पर फसल भी नहीं काटना चाहिए.

मकर संक्रांति की पूजा के लिए सामग्री

14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाएगा. यह त्यौहार हिंदू धर्मावलंबियों के लिए बहुत विशेष माना गया है. मकर संक्रांति की पूजा के लिए शुद्ध घी, गुड़, काला तिल, मिठाई, धूप-दीप, फूल, अक्षत, वस्त्र, गेहूं, तांबा, सुपारी, नैवेद्य, गंध, नारियल और लड्डू इकट्ठा कर लें.

मकर संक्रांति के दिन कब होगा पुण्य काल, जानें यहां

मकर संक्रांति पर पुण्य काल 14 जनवरी की रात 08:49 से प्रारंभ होकर 15 जनवरी के दिन दोपहर 12:49 तक समाप्त हो जाएगा.

सूर्य को दें अर्घ्‍य

मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन तांबे के लोटे से सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से पद और सम्मान में वृद्धि होती है. माना जाता है क‍ि इससे शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है.

मकर संक्रांति पर रखें इन बातों का ध्यान

मकर संक्रांति के दिन लोगों को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए. इस दिन गुस्सा करने से बचें और किसी को भी बुरा-भला ना कहें. मकर संक्रांति पर लोगों को किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए और मसालेदार भोजन से दूर रहना चाहिए.

मकर संक्रांति पूजा विधि

मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठकर अपने पास स्थित किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करें. फिर इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तांबे के लोटे में पानी भर लें और उसमें काला तिल, गुड़ का छोटा सा टुकड़ा और गंगाजल लेकर सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें. सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ ही शनिदेव को भी जल अर्पित करें और शनि से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करें. इसके बाद गरीबों को तिल और खिचड़ी का दान करें.

मकर संक्रांति 2022 शुभ मुहूर्त- 15 जनवरी

सूर्य का मकर राशि में प्रवेश: 14 जनवरी की रात 08 बजकर 49 मिनट पर

मकर संक्रांति का पुण्य काल: 15 जनवरी दिन शनिवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक

Makar Sankranti 2022: क्या है तिल दान का महत्व

इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है. मकर संक्रांति के दिन तिल दान बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर तिल दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है. इस दिन तांबे के लोटे से सूर्य देव को अर्घ्य देने से सम्मान में वृद्धि होती है.

मकर संक्रांति स्नान और दान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति से देवताओं का दिन प्रारंभ होता है क्योंकि इस दिन से सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं. यह दिन शुभ कार्यों के लिए अच्छा होता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद भगवान सूर्य को काले तिल मिला जल अर्पित करें. फिर गरीब या किसी जरूरतमंद को काला तिल, रेवड़ी, तिल का लड्डू, खिचड़ी आदि का दान करें.

मकर संक्रांति पर क्या न करें

  • कहते हैं कि मकर संक्रांति के दिन मदिरा पान, तामसिक पदार्थों का सेवन आदि से परहेज करना चाहिए.

  • इस दिन स्नान और दान से पूर्व भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए.

  • मकर संक्रांति के दिन घर के बाहर आए किसी भिखारी या जरूरतमंद व्यक्ति को खाली हाथ न लौटाएं. इस दिन दान अवश्य करें.

मकर संक्रांति पूजा विधि

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होते हैं. इसी के साथ देवताओं के दिन शुरू होने से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाते हैं. सूर्य देव को मकर संक्रांति के दिन अर्घ्य के दौरान जल, लाल पुष्प, फूल, वस्त्र, गेंहू, अक्षत, सुपारी आदि अर्पित की जाती है. पूजा के बाद लोग गरीबों या जरुरतमंद को दान देते हैं. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का विशेष महत्व होता है.

मकर संक्रांति पूजा मंत्र

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन आपको सूर्य देव के मंत्र ॐ सूर्याय नम:, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः, ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर: का जाप करते हुए पूजा कर सकते हैं. इन तीन मंत्रों में से जो आप आसानी से उच्चारण कर सकें, उसका उपयोग करें.

14 जनवरी को मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन सूर्य का मकर राशि में प्रवेश दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर होगा. मकर संक्रांति का पुण्य काल दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. मकर संक्रांति का महापुण्य काल दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शाम 04 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.

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