मेक इन इंडिया : हॉर्स पावर इंजन बनाने में भारत छठे स्थान पर

मेक इन इंडिया सूबे के मधेपुरा एवं मढ़ौरा में स्थापित रेल इंजन कारखानों में आधुनिक तकनीक से रेल इंजनों का उत्पादन हो रहा है. ‘मेक इन इंडिया‘ के तहत भारत में नवीनतम तकनीक पर आधारित उच्च अश्वशक्ति इलेक्ट्रिक लोको निर्माण की दिशा में यह कारखाना मील का पत्थर साबित हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 21, 2020 8:50 AM

हाजीपुर : सूबे के मधेपुरा एवं मढ़ौरा में स्थापित रेल इंजन कारखानों में आधुनिक तकनीक से रेल इंजनों का उत्पादन हो रहा है. ‘मेक इन इंडिया‘ के तहत भारत में नवीनतम तकनीक पर आधारित उच्च अश्वशक्ति इलेक्ट्रिक लोको निर्माण की दिशा में यह कारखाना मील का पत्थर साबित हो रहा है. पूर्व मध्य रेल सहित भारतीय रेल के लिए तब गौरव का पल बना जब 18 मई, 2020 को पूरी दुनिया में पहली बार, बड़ी रेल लाइन पर मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्टरी लिमिटेड द्वारा निर्मित प्रथम शक्तिशाली विद्युत इंजन से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से धनबाद मंडल के बड़वाडीह तक 118 डिब्बों वाली मालगाड़ी का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया. इसके साथ ही ज्यादा हॉर्स पावर के इंजन बनाने वाले प्रतिष्ठित क्लब में शामिल होने वाला भारत दुनिया का छठा देश बन गया.

एक हजार उच्च अश्वशक्ति के उत्पादन का लक्ष्य

इसी तरह जेनरल इलेक्ट्रिक डीजल लोकोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी, मढ़ौरा की स्थापना सारण जिले के मढ़ौरा में की गयी है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत स्थापित इस कारखाना पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की लागत आयी है. नवंबर, 2015 में अनुबंध को अंतिम रूप दिया गया था तथा फरवरी, 2019 में यहां से प्रथम लोकोमोटिव तैयार होकर बाहर आया. इसके बाद से एक हजार उच्च अश्वशक्ति डीजल लोकोमोटिव का नियमित उत्पादन प्रारंभ है. इस कारखाने में अगले 11 वर्षों में लगभग 20 हजार करोड़ की लागत से एक हजार उच्च अश्वशक्ति का डीजल लोकोमोटिव का उत्पादन पूरा करने का लक्ष्य है.

Next Article

Exit mobile version