VIDEO: रामगढ़ के स्कूल में लगी थी पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई की तस्वीर, मुखिया की आपत्ति के बाद हटायी गयी
पाकिस्तान में शिक्षा के लिए आतंकवादियों के खिलाफ तनकर खड़ी होने वाली मलाला यूसुफजई की तस्वीर को रामगढ़ के कुजू स्थित स्कूल से आखिरकार हटा लिया गया. मुखिया के पुरजोर विरोध के बाद स्कूल को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
कुजू (रामगढ़), धनेश्वर प्रसाद: झारखंड की राजधानी रांची से सटे रामगढ़ जिले के एक स्कूल में पाकिस्तान की बेटी मलाला यूसुफजई की तस्वीर लगी थी. इस पर मुखिया ने आपत्ति की, तो स्कूल के प्रिंसिपल ने उस तस्वीर को हटवा दिया. कुजू के डटमा मोड़ स्थित कुजू पब्लिक हाई स्कूल इस क्षेत्र का सबसे पुराना एवं चर्चित विद्यालय है. इसी स्कूल में मलाला यूसुफजई की तस्वीर लगा दी गयी थी. इस पर विवाद खड़ा हो गया. आखिरकार चार महीने बाद तस्वीर को स्कूल से हटाना पड़ा.
स्कूल की टीचर बोली : लड़कियों को प्रेरित करने के लिए लगायी तस्वीर
स्कूल की शिक्षिका मनीषा धवन ने बच्चों को प्रेरित करने के लिए 24 जनवरी को स्कूल के गेट के मुख्य द्वार पर पाकिस्तान में बेटियों की शिक्षा के आंदोलन का प्रतीक बन चुकी मलाला यूसुफजई की तस्वीर लगा दी गयी. जब 17 मई को कुजू पश्चिमी पंचायत के मुखिया जय कुमार ओझा की नजर दीवार पर पड़ी ,तो उन्होंने इसका विरोध किया. मुखिया के पुरजोर विरोध के बाद तस्वीर को आखिरकार हटाना पड़ा.
मुखिया बोले : हमारे देश में हैं प्रेरणा देने वाली कई महिला
मुखिया ने कहा कि हमारे देश में सावित्रीबाई फुले, किरण बेदी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटील, द्रोपदी मुर्मू जैसी कई महिलाएं हैं, जो लोगों को प्रेरित करती हैं. उनकी तस्वीर न लगाकर पाकिस्तान की एक लड़की की तस्वीर स्कूल में लगाना सरासर गलत है. विरोध के बाद विद्यालय के प्रधानाध्यापक रवींद्र प्रसाद ने तुरंत तस्वीर को हटाने के आदेश दिये.
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स्कूल जाने की वजह से आतंकवादियों ने मलाला को मार दी थी गोली
बता दें कि मलाला यूसुफजई पाकिस्तान की बेटी हैं. पाकिस्तान में आतंकवादियों ने जब बेटियों को स्कूल न भेजने का फरमान सुनाया, तब मलाला ने बेहद छोटी उम्र में इसका विरोध किया. वह लगातार स्कूल जाती रही. एक दिन रास्ते में आतंकवादियों ने मलाला को गोली मार दी. मलाला की जान बच गयी. बाद में मलाला यूसुफजई ने बालिका शिक्षा की दिशा में काम करना शुरू किया. कैलाश सत्यार्थी के साथ मलाला को संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया गया.