Loading election data...

Malware Vs Virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी!

Malware Vs Virus: आपने अक्सर मैलवेयर और वायरस जैसे शब्दों के बारे में सुना ही होगा। लेकिन क्या आप इन दोनों के बीच के अंतर को जानते हैं. इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आपके लिए इन दोनों ही के बारे में जानना काफी आसान हो जाएगा. तो चलिए इन दोनों के बारे में डीटेल से जानते हैं.

By Saurabh Poddar | December 31, 2023 2:19 PM

Difference Between Malware and Virus: आप सभी ने मैलवेयर या फिर वायरस शब्द का इस्तेमाल कभी न कभी तो सुना ही होगा. अक्सर इनका इस्तेमाल टेक्नोलॉजी की दुनिया में स्मार्टफोन या फिर कंप्यूटर से जुड़ी समस्याओं को दर्शाने के लिए किया जाता है. काफी लोगों को लगता होगा कि ये दोनों ही चीजें एक ही हैं. लेकिन, वास्तव में ऐसा नहीं है. अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो इस स्टोरी को पढ़ने के बाद आपको इन दोनों के बीच जो अंतर है वह साफ़ समझ में आने लगेगा. तो चलिए इनके बारे में डीटेल से जानते हैं.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 10

मैलवेयर और वायरस के बीच अंतर

अगर आप इन दोनों के बीच अंतर नहीं जानते हैं तो बता दें जो मैलवेयर होता है वह एक तरह का मेलिशियस सॉफ्टवेयर होते हैं जो होस्ट कम्प्यूटर को इंफेक्ट कर देता है. वहीं, वायरस की अगर बात करें तो यह मैलवेयर का ही एक टाइप होता है. ये किसी फाइल को इंफेक्ट करता है और जब फाइल या प्रोग्राम को ओपन किया जाता है तो ऐसे में यह पूरे सिस्टम तक फ़ैल जाता है.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 11

क्या है मैलवेयर

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि, जो मैलवेयर होते हैं वह एक तरह के सॉफ्टवेयर होते हैं. मैलवेयर को किसी भी कंप्यूटर का अनऑथोराइज्ड एक्सेस पाने के लिए बनाया जाता है. मैलवेयर का फायदा अक्सर थर्ड पार्टिज को होता है. आपको जानकारी के लिए बता दें मैलवेयर का फुल फॉर्म मेलिशियस सॉफ्टवेयर होता है.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 12

कितने तरह के होते हैं मैलवेयर

मैलवेयर के टाइप्स की अगर बात करें तो यह करीबन 6 तरह के होते हैं. इनमें, वायरस, ट्रोजन, वॉर्म, रैनसमवेयर, स्पाइवेयर और एडवेयर शामिल हैं.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 13

मैलवेयर का काम क्या है?

अगर आपके दिमाग में भी यह सवाल आता है कि आखिर मैलवेयर करता क्या है तो बता दें, ये जो मैलवेयर होते हैं वे पर्सनल इनफार्मेशन चुराने की कोशिश करते हैं. केवल यहीं नहीं, ये कार्ड और पेमेंट्स से जुड़ी डीटेल्स भी चुरा सकते हैं. मैलवेयर बिटकॉइन की माइनिंग भी शुरू कर सकता है और तो और यह सिस्टम पर बिना मतलब के टास्क भी शुरू कर सकता है.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 14

मैलवेयर से बचने के लिए ये हैं सॉफ्टवेयर

अगर आप मैलवेयर से बचना चाहते हैं तो आप Total AV, Bitdefender, Malwarebytes और Hitman Pro जैसे सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 15

वायरस क्या है?

वायरस के बारे में अगर आप जानने में दिलचस्पी रखते हैं तो बता दें यह एक तरह का कोड होता है तो जो खुद को किसी भी फाइल के साथ जोड़ लेता है. ऐसा होने की वजह से वह फाइल इससे ग्रसित हो जाता है. यह डिवाइस को भी करप्ट करने की क्षमता रखता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें वायरस का फुल फॉर्म वाइटल इनफ़ॉर्मेशन रिसोर्सेज़ अंडर सीज होता है.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 16

कितने तरह का होता है वायरस

वायरस के टाइप्स की अगर बात करें तो इसके करीबन 8 टाइप्स होते हैं. इनमें, बूट सेक्टर, मल्टीपार्टी, स्पेसफिलर, रेजिडेंट, पोलीमॉर्फिक, फाइल इंफेक्टर, डायरेक्ट एक्शन और मैक्रो शामिल हैं.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 17

किस तरह से हानि पहुंचता है वायरस

आपकी जानकारी के लिए बता दें, ये जो वायरस होते हैं वे आपके सिस्टम के प्रोसेसिंग स्पीड को कम कर देता है. केवल यहीं नहीं अगर आपका सिस्टम वायरस से इन्फेक्टेड हो चुका है तो ऐसे में आपके स्क्रीन पर पॉप-अप भी दिखाई देने लगते हैं. वायरस से इन्फेक्ट हो जाने पर आपके पासवर्ड्स भी खुद रिसेट हो जाते हैं. केवल यहीं नहीं, कई प्रोग्राम्स खुद ही स्टार्ट भी हो जाते हैं.

Malware vs virus: दोनों में क्या है अंतर? सिस्टम में घुस जाने पर कितनी होगी परेशानी! 18

वायरस से बचने के लिए ये हैं सॉफ्टवेयर

अगर आप खुद को वायरस से होने वाली परेशानियों से बचाना चाहते हैं तो ऐसे में हम आपसे McAfee, Norton, Avast और Kaspersky जैसे ऐप्स को इस्तेमाल करने की सलाह देंगे.

Next Article

Exit mobile version