पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबन्ना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि कई लोग गलती से कहते हैं कि राज्य सरकार का कर्ज का बोझ 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह सब बकवास है. केन्द्र सरकार कभी भी अपने ऋण के बढ़ने की बात नहीं कहते. इतनी सारी विकास परियोजनाओं को लागू करने के बावजूद, हमने अपना कर्ज का बोझ कम कर लिया है, लेकिन वे हमें कभी जवाब नहीं देते.
ममता बनर्जी ने बताया कि 6 अगस्त को केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ दोपहर बारह बजे से शाम चार बजे तक पूरे बंगाल में विरोध प्रदर्शन होगा, जिसमें ब्लॉक स्तर से लेकर शहर मे वार्ड स्तर पर विरोध होगा. ये केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एक राजनीतिक निर्णय और विरोध होगा. गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी 21 जुलाई काे कहा था कि भाजपा नेताओं का घर का घेराव किया जाएगा.जिस कार्यक्रम को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. ऐसे में अब तृणमूल 6 अगस्त को केन्द्र की नीतियों खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
Also Read: विधानसभा : मणिपुर हिंसा पर बयान दें प्रधानमंत्री, बोली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल सरकार को और तीन राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिले हैं. बुधवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए स्कॉच अवाॅर्ड मिला है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गयी योजनाओं, नयी तकनीक का प्रयोग व योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक कई अवॉर्ड मिले हैं. राज्य के लोगों को इस बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए इन अवाॅर्डों को अलीपुर जेल में बने म्यूजियम में प्रदर्शित किया जायेगा.
Also Read: ‘दुआरे सरकार’ परियोजना से अब तक 6.6 करोड़ लोगों तक पहुंची हैं सेवाएं, सितंबर में फिर लगेंगे शिविर
म्यूजियम में इसके लिए अलग सेक्शन होगा, जहां कौन-सा अवाॅर्ड कब और क्यों मिला, इसके बारे में पूरी जानकारी रहेगी. इस मौके पर राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कपड़ा उद्योग में सुधार के लिए बंगाल सरकार ने स्कॉच पुरस्कार मिला है. साथ ही, जिस तरह से पश्चिम बंगाल सरकार ने भविष्य के बारे में सोचते हुए डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल की पहल की है, उसके लिए भी राज्य सरकार को विशेष सम्मान मिला है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के ब्रांड ‘तंतुज’ ने हैंडलूम और टेक्सटाइल में स्टार ऑफ गवर्नेंस – स्कॉच अवॉर्ड जीता है.
Also Read: ‘दुआरे सरकार’ परियोजना से अब तक 6.6 करोड़ लोगों तक पहुंची हैं सेवाएं, सितंबर में फिर लगेंगे शिविर
राज्य सरकार ने राज्यभर में खारिजी मदरसों को मान्यता देने के लिए विशेष पहल शुरू की है, जिसके तहत यहां के छात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि इन मदरसों में धार्मिक शिक्षा दी जाती है. कुछ लोग इस्लामी संस्थानों के दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं. हम उनके पाठ्यक्रम या शिक्षण पद्धति में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. हम इसका अध्ययन करना चाहते हैं कि उनको सरकारी मंजूरी चाहिए या नहीं. हो सकता है कि कुछ मदरसे इसकी मांग करें और कुछ शामिल ना भी होना चाहें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि खारिजी मदरसों की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जायेगी, जिसमें शिक्षाविद्, विशेषज्ञ, राज्य सरकार के अधिकारी और मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि शामिल होंगे और यह समिति छह महीने के भीतर एक रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट के आधार पर, हम इन मदरसों को पंजीकरण देने पर विचार करेंगे, ताकि इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र कन्याश्री, सबूज साथी जैसी राज्य सरकार की योजनाओं और ऐक्यश्री जैसी छात्रवृत्ति सुविधाओं का लाभ उठा सकें.
Also Read: भ्रष्टाचार से हासिल 100 करोड़ रुपये लंदन में रुसी माॅडल के खाते में भेजे, इडी के जांच दायरे में एक प्रभावशाली
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार राज्य भर में गैर सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को मान्यता देने पर भी काम कर रही है. वहीं 235 ऐसे मदरसे हैं, जिन्हें पहले से ही सरकारी अनुदान मिल रहा है. राज्य में 700 गैर सहायता प्राप्त मदरसे भी हैं, जिन्हें अब तक सरकारी मान्यता नहीं मिली है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 14 मदरसों को अंग्रेजी माध्यम में बदले जाने की प्रक्रिया शुरू की गयी है. उन्होंने बताया कि, राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त 198 राजवंशी माध्यम के स्कूल उत्तर बंगाल में हैं. इन सभी 198 स्कूलों को अगले शैक्षणिक सत्र जनवरी, 2024 से पूरी तरह से अपग्रेड कर चालू कर दिया जायेगा. इसके साथ ही त्याेहारों पर छुट्टियों की भी घोषणा की गई.
Also Read: कलकत्ता हाइकोर्ट ने अभिषेक बनर्जी के भाजपा नेताओं के घर का घेराव कार्यक्रम किया रद्द