कोरोना के कारण खतरे में ममता बनर्जी की कुर्सी, उपचुनाव के लिए फिर चुनाव आयोग से मिलेंगे टीएमसी नेता
ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए 4 नवंबर तक किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव जीतना होगा. अगर 4 नवंबर तक उपचुनाव नहीं हुए तो ममता की कुर्सी जा सकती है.
कोलकाता : कोरोना के बढ़ते मामलों ने बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उपचुनाव को लेकर ममता को झटका लगने वाला है. तृणमूल कांग्रेस कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल उपचुनाव को लेकर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से संपर्क करने वाला है. बता दें कि पिछले महीने भी उपचुनाव को लेकर टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला था.
ममता बनर्जी को खुद भवानीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना है. नंदीग्राम में मिली हार के बाद भी ममता मुख्यमंत्री बनी हैं. अब उन्हें कहीं न कहीं से उपचुनाव जीतना ही होगा. इसके लिए ममता के पास छह महीने का ही समय है. नंदीग्राम में ममता बनर्जी भाजपा उम्मीदवार शुभेंदु अधिकार से मामूली अंतर से चुनाव हार गयी थी. ममता की हार के बाद भी टीएमसी ने 213 सीटें जीती हो बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा था.
भाजपा को बंगाल चुनाव में बड़ा झटका लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गज भाजपा नेताओं ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. लेकिन परिणाम उनके पक्ष में नहीं आया. 294 सीटों की विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था. सर्वसम्मति से ममता बनर्जी को विधायक दल का नेता चुना गया और उन्होंने बिना जीत दर्ज किये ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली.
Also Read: ममता बनर्जी सरकार को कलकत्ता हाइकोर्ट में मांगनी पड़ी माफी, जानें पूरा मामला
यहां बता दें कि संविधान के आर्टिकल 164 (4) के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को बिना चुनाव जीते मुख्यमंत्री या मंत्री बनाया जाता है तो उसे उपचुनाव में किसी न किसी सीट से छह महीने के अंदर चुनाव जीतना होता है. यहीं नियम संसद के लिए भी हैं. वहां भी मंत्री बनने वाले शख्स को संसद की दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होना जरूरी है. राज्यों के मामले में शख्स को विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य बनना होगा.
इसी नियम के तहत ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए चार नचंबर तक किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव जीतना होगा. अब अगर कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण चुनाव आयोग उपचुनाव की नवंबर तक टालता है तो ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद छोड़ना होगा. फिर जब वह उपचुनाव जीतती हैं तो दुबारा मुख्यमंत्री बन सकती हैं. राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि भाजपा नहीं चाहती कि नवंबर तक विधानसभा उपचुनाव कराये जाएं.
Posted By: Amlesh Nandan.