कोलकाता : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के नये तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए 27-28 जनवरी को पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है. सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने सर्वदलीय बैठक बुलायी थी, जिसमें सभी पार्टी के नेताओं ने भाग लिया.
सर्वदलीय बैठक के बाद राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया है. केंद्र सरकार के इस कानून को बंगाल में लागू होने नहीं दिया जायेगा.
तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस प्रस्ताव का कांग्रेस व माकपा भी समर्थन करेगी. वहीं, इस संबंध में विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता मनोज कुमार तिग्गा ने कहा कि वह सदन में रहकर राज्य सरकार के प्रस्ताव का विरोध करेंगे. श्री तिग्गा ने कहा कि हमारे पास भले ही संख्या बल नहीं है, लेकिन हम सदन का बहिष्कार नहीं करेंगे और सदन के अंदर ही प्रस्ताव के खिलाफ आवाज उठायेंगे.
Also Read: गणतंत्र दिवस परेड नहीं देख पायेंगे बंगाल के लोग, कोरोना की वजह से दर्शकों को आने की अनुमति नहीं
गौरतलब है कि पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी और केरल ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. उल्लेखनीय है कि 30 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर आ रहे हैं. उससे पहले सत्र बुलाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा के सामने चुनौती पेश करने की रणनीति अपनायी है.
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को बंगाल में नहीं लागू करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेता लगातार राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और उसकी मुखिया ममता बनर्जी को निशाना बना रहे हैं. बदले में दिल्ली में किसानों के आंदोलन का सहारा लेकर ममता बनर्जी भी केंद्र पर पलटवार कर रही है.
दिल्ली में लगातार दो महीने से चल रहे किसानों के आंदोलन के समाप्त नहीं होने, बार-बार सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक का कोई नतीजा नहीं निकल रहा है, जिससे विरोधी दलों को मोदी सरकार पर हमला करने का मौका मिल रहा है. बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले ममता बनर्जी की सरकार भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहती.
Posted By : Mithilesh Jha