कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले नरेंद्र मोदी सरकार अपना बजट पेश करेगी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2021 के आम बजट में बंगाल मालामाल हो जायेगा. कहा जा रहा है कि चुनाव की वजह से इस बार बंगाल और उन सभी राज्यों का खास ख्याल रखा जायेगा, जहां इस साल चुनाव होने हैं. बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार को हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी पुरजोर कोशिश कर रही है.
बताया जा रहा है कि केंद्र ने राज्य में कई परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर फंड का आवंटन किया है. स्मार्ट सिटी से लेकर ग्रामीण सड़कों तक, केंद्र धीरे-धीरे राज्य में योजनाओं की बरसात कर रहा है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चरण III के तहत नयी ग्रामीण सड़क परियोजनाओं को मंजूरी देने की सरकार योजना बना रही है.
इसके अलावा, न्यू टाउन, कोलकाता में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत परियोजनाओं के उद्घाटन की भी योजना बनायी जा रही है. इनमें इको पार्क में सौर स्ट्रीट लाइटिंग प्रोजेक्ट, जल संरक्षण और मधुमक्खियों के कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं शामिल हैं. न्यू टाउन स्मार्ट सिटी में सीसीटीवी लगाने की तैयारी भी चल रही है.
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प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को धनराशि जारी नहीं करने को लेकर राज्य सरकार के साथ केंद्र का लंबे समय तक विवाद रहा है. सूत्रों की मानें, तो केंद्र राज्य को धन जारी करने पर जोर दे रहा है और उसे कुछ सफलता भी मिली है. हालांकि, कोई नया सैंक्शन नहीं हुआ है. संभावना है कि केंद्र इसकी समीक्षा कर सकता है. केंद्र पिछले पांच वर्षों में बंगाल को जारी बजट पर एक रिपोर्ट कार्ड भी तैयार कर रहा है.
सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक शहरी आवास योजना है. केंद्र ने पीएमएवाइ (शहरी) के तहत 4.71 लाख घरों को मंजूरी दी और 7,354 करोड़ रुपये मंजूर किये. 27 दिसंबर को केंद्रीय स्वीकृति-निगरानी समिति की बैठक में अगले सप्ताह और अधिक घरों को मंजूरी दिये जाने की संभावना है.
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जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पिछले हफ्ते कोलकाता में जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ के एक आउटलेट का उद्घाटन किया. इस पहल के तहत, आदिवासियों के उत्पादों को दूर-दराज के क्षेत्रों में ले जाया जायेगा और बाजार में बेचा जा सकेगा.
इस साल, केंद्र ने आदिवासियों द्वारा एकत्र किये गये मामूली वन उपज (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करना शुरू कर दिया है. यह कदम तब उठाया गया, जब बंगाल ने लॉकडाउन के दौरान पहली बार इसमें शामिल होने का फैसला किया. सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार जनवरी में शुरू होने वाले आगामी संग्रह सीजन में राज्य पर ध्यान केंद्रित करेगा.
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केंद्र सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती केंद्रीय योजनाओं को राज्य सरकार की इच्छा के विपरीत शुरू करना होता है. अधिकांश राज्य अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए केंद्र की छात्रवृत्ति योजनाओं पर निर्भर हैं. लेकिन, पश्चिम बंगाल इसमें पीछे रहा है.
यहां तक कि बंगाल सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन से भी हाथ खींच लिया और अब मिशन के तहत केवल एक शहर न्यू टाउन है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार की स्वच्छता पहल पर राज्य सरकार ने शौचालय का निर्माण कराया, लेकिन खुले में शौच से मुक्त के प्रमाण पत्र में दिलचस्पी नहीं ली.
Posted By : Mithilesh Jha