Kolkata Book Fair: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सॉल्टलेक के सेंट्रल पार्क मेला ग्राउंड में 46वें अंतरराष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेला का उद्घाटन किया, जो 12 फरवरी तक चलेगा. 46 बार घंटा बजाकर मेले का उद्घाटन करते हुए सीएम ने कोलकाता पुस्तक मेला को दिल्ली में भी करने की इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला गर्व है और यह मेला दिल्ली में भी होना चाहिए. यहां के प्रत्येक जिले से लोग शामिल होंगे. विभिन्न देशों के पुस्तक प्रकाशक भी हिस्सा लेंगे. जो लगेगा इंतजाम करेंगे, लेकिन आप (गिल्ड) लोगों को इसका आयोजन करना होगा.
उन्होंने कहा कि वह हेट स्पीच की निंदा करती हैं. नाकारात्मक सोचने की जगह साकारात्मक सोचें. उन्होंने कहा कि वह भी आलोचना से ऊपर नहीं हैं, लेकिन हेट स्पीच की वह निंदा करती हैं. इसे ब्लैक आउट किया जाना चाहिए. वह शांति और समृद्धि चाहती हैं. गरीबी से लड़ाई चाहती हैं. नारी सशक्तीकरण चाहती हैं. युद्ध नहीं, शांति चाहती हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि प्रजातंत्र की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठायें. इतिहास, भूगोल और मानवता, संविधान, मानवाधिकार और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार की बात करें. उन्होंने कहा कि सभी को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है.
ममता बनर्जी ने कहा कि पहले पुस्तक मेला ग्राउंड को लेकर समस्या थी. लेकिन अब यहां होने से आकर्षण बढ़ा है. यह एक बड़ी उपलब्धि है. यहां लाखों लोग आते हैं. पिछले साल 24 करोड़ का व्यवसाय हुआ था. 23 लाख लोग आये थे. इस बार और अधिक लोग आयेंगे. उन्होंने स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, इटली, रूस, ऑस्ट्रेलिया, जापान, बांग्लादेश, जापान, अर्जेंटीना, क्यूबा, कनाडा, मैक्सिको सहित मेले में शामिल विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि पूरी दुनिया आज विश्व बांग्ला में आकर मिली है.
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उन्होंने कहा कि पहले दूसरे राज्यों के लोग सोचते थे कि यह क्या है, हमारे यहां भी तो मेला है, लेकिन आज बधाई देती हूं कि इस बार अनेक राज्य के लोग भी आये है. दिल्ली, यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, कनार्टक, ओडिशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगना, तामिलनाडू, असम, त्रिपुरा, झारखंड, बिहार और पंजाब समेत कई राज्यों से पुस्तक प्रेमी आये हैं.
उन्होंने परिवहन मंत्री को यहां से बसों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया, ताकि लोगों को घर जाने में सुविधा हो. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी अब तक 128 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. छह और नयी पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिनका इस बार पुस्तक मेले में विमोचन हुआ. दुआरे सरकार, संविधान और किछु कथा समेत छह पुस्तकें इसमें शामिल हैं, जिसमें ममता बनर्जी द्वारा लिखित ‘कवित वितान’ का अंग्रेजी अनुवाद भी इस वर्ष पहली बार प्रकाशित हुआ.
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ममता ने कहा कि नेता पुस्तक क्यों नहीं लिख सकते. अच्छी चीजों की सराहना करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किताब केवल किताब ही नहीं है बल्कि यह जीवन है. वास्तव चेतना है. पुस्तक का दूसरा नाम जीवन है. यह लाइफ लाइन ऑफ द वर्ल्ड है. कार्यक्रम में सीइएससी आरपीजी सृष्टि सम्मान द्वारा प्रख्यात लेखक शिर्षेंदु मुखोपाध्याय को लाइफटाइम अवार्ड से सम्मानित किया गया.
बता दें कि 46 वें पुस्तक मेला की थीम स्पेन है. पुस्तक मेले में करीब 950 स्टॉल लगाये गये हैं. मौके पर पब्लिशर्स एंड बुक सेलर्स गिल्ड के प्रेसिडेंट सुधांशु शेखर दे, महासचिव त्रिदिब चटर्जी, मंत्री सुजीत बोस, स्पेन के सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से डायरेक्टर जनरल ऑफ बुक्स मारिया जोस गाल्वेज सैलवेडर समेत कई प्रतिनिधि और बंगाल के कई मंत्री शामिल थे.
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