पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम से विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर के आदिवासी संकट का सामना कर रहे हैं और उनकी तकलीफें सुनने वाला कोई नहीं है. भारत में दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है और केन्द्र को कोई फर्क नहीं पड़ता है. भारत छोड़ो दिवस पर हम भाजपा से भारत छुड़वाने की कसम लेते हैं. पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति से निपटने में असफल रहने के बाद भाजपा को देश छाेड़ देना चाहिए . इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक है और इसकी संवैधानिक सीमाएं हैं. आज कल राज्यपाल अपनी सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तृणमूल सरकार आदिवासियों के साथ में है. केंद्र की भाजपा सरकार ही आदिवासियों को बांट रही है. तृणमूल सरकार हमेशा से ही विकास के मामले में आदिवासियों के लिए अलग से सोचने की बात करती रही है. कई परियोजनाएं भी विकसित की गई हैं. प्रमाणपत्र जारी करने में जटिलताओं से बचने के भी प्रयास किए गए हैं. लोकसभा चुनाव में झटके के बावजूद, तृणमूल ने धीरे-धीरे आदिवासी बहुल जंगलमहल में अपनी पकड़ बना ली. झाड़ग्राम में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में तृणमूल ने अच्छा प्रदर्शन किया. इस बार उस जिले में खड़े होकर मुख्यमंत्री ने आदिवासी समुदाय के साथ खड़े होने का संदेश दिया.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में हमारी लड़ाई सीपीएम-कांग्रेस के खिलाफ है, अगर वे भाजपा भी उनकी तरह कार्य करना जारी रखती हैं और हमारी लड़ाई बीजेपी के खिलाफ होगी. भाजपा अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकती है. भाजपा देश को बर्बाद कर रही है.
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ममता बनर्जी ने स्कूली शिक्षा में त्रिभाषा फॉर्मूले के बारे में बताया. उन्होंने घोषणा की कि इन तीन भाषाओं में मातृभाषा पहली होगी. अन्य दो भाषाएं वैकल्पिक हैं. लेकिन पहली भाषा तो उसकी मातृभाषा ही होनी चाहिए. ममता ने कहा कि कुछ लोग भाषा के बारे में उल्टा-सीधा कह रहे हैं. कैबिनेट में त्रिभाषा फॉर्मूले पर चर्चा हुई है. जो लोग बांग्ला माध्यम से पढ़ाई करते हैं, उनकी पहली भाषा बांग्ला है और वे ले सकते हैं. कोई अन्य भाषा जो लोग आठवीं कक्षा तक अलचिकी माध्यम में पढ़ते हैं, उनकी पहली भाषा अलचिकी होती है बाद में दो और भाषाएं लेने का अवसर मिलेगा. इस तरह, जिनकी पहली भाषा राजवंशी, नेपाली है, वे वही पढ़ सकते हैं. हम बंगाल में रहते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि किसी पर कुछ भी थोपा जा रहा है.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ पर ट्वीट किया कि आज ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ पर, मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देती हूं, जिन्होंने इस महान देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया. हमें भविष्य में स्वस्थ, सुंदर, विश्वस्त, एकजुट, सहिष्णु, मजबूत भारत सुनिश्चित करने के लिए सद्भावना और मानवता के विचारों को हमेशा बरकरार रखना होगा. भारत की अवधारणा खत्म नहीं होनी चाहिए. जय हिंद. गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई और इस आंदोलन ने अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभायी. आंदोलन शुरू होने के पांच वर्ष बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था.
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