पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र से राज्य का ‘‘बकाया दिए जाने’’ की मांग करते हुए कोलकाता में 48 घंटे का धरना प्रदर्शन शुरू किया. सभी समर्थकों को काला कपड़ा पहनकर प्रतिवाद में शामिल होने का निर्देश दिया गया है. उल्लेखनीय है कि केंद्र द्वारा विशेष रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत बकाया राशि कथित तौर पर रोके जाने का मुद्दा राज्य में एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है. तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,अपराह्न एक बजे रेड रोड इलाके के मैदान में प्रदर्शन शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सबसे पहले अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उसके बाद प्रदर्शन शुरु हुआ.
इससे पहले, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और मनरेगा कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ नयी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था और यहां राजभवन के बाहर पांच दिन तक धरना दिया था. ममता बनर्जी के नेतृत्व में पिछले वर्ष मार्च में भी इसी तरह का दो दिवसीय धरना दिया गया था. तृणमूल के सूत्रों के मुताबिक, यह धरना लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर तीसरा बड़ा विरोध प्रदर्शन है. सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल का बजट सत्र पांच फरवरी से शुरू होगा और इस प्रदर्शन के तब तक जारी रहने की संभावना है.
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मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमजीएवाइ) सहित केंद्र सरकार द्वारा संचालित कई योजनाओं के मद में राज्य का 15 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक बकाया है. इसके अलावा और कई योजनाओं का फंड केंद्र ने बंद कर दिया है. मुख्यमंत्री ने तीन फरवरी अर्थात शनिवार को जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायत स्तर के नेताओं को इसमें शामिल होने का आह्वान किया है.