तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में शुरू हुई जुबानी जंग, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CAG रिपोर्ट को बताया निराधार

धरना मंच से मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने जानबूझ कर राज्य का फंड रोक रखा है. केंद्र ने राज्य को उचित धन आवंटन नहीं किया. इसके लिए उनका यह आंदोलन जारी रहेगा.

By Sameer Oraon | February 3, 2024 12:35 AM
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सीएजी की रिपोर्ट को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है. भाजपा ने सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए तृणमूल सरकार पर दो लाख करोड़ से भी अधिक रुपये का हिसाब नहीं देने का आरोप लगाया है. वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए सीएजी रिपोर्ट को झूठ का पुलिंदा करार दिया. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, “ सीएजी के आंकड़े पूरी तरह गलत हैं.

इस विषय में मैंने शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि राज्य सरकार ने समय-समय पर संबंधित विभागों को योजनाओं पर खर्च की गयी राशि का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट प्रदान किया है.” मुख्यमंत्री ने राज्य का बकाया फंड भुगतान करने की मांग को लेकर शुक्रवार से महानगर के रेड रोड पर दो दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू किया है. धरना मंच से मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने जानबूझ कर राज्य का फंड रोक रखा है. केंद्र ने राज्य को उचित धन आवंटन नहीं किया. इसके लिए उनका यह आंदोलन जारी रहेगा.

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भाजपा ने बुधवार को सीएजी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में लगभग दो लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए हैं. इसका खंडन करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ. सीएजी रिपोर्ट में 2002-03 की बात कही गयी है. उस समय तो तृणमूल सत्ता में थी ही नहीं. 2002-03 में क्या हुआ, इसकी जिम्मेदारी वह नहीं लेंगी. वर्ष 2011 के बाद से जो हुआ है, उसकी जिम्मेदारी लेंगी. मुख्यमंत्री ने सीएजी रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि सीएजी रिपोर्ट में झूठी जानकारी है. दो लाख करोड़ के घोटाले का आरोप बेबुनियाद है. यह रिपोर्ट भाजपा पार्टी द्वारा लिखी गयी थी.

यह अंतरिम बजट नहीं, अंतिम बजट है

सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में पेश किये गये 2024-25 के अंतरिम बजट को उसका अंतिम बजट बताया. उन्होंने कहा कि इस साल होने वाले आम चुनाव में सत्तारूढ़ दल हार का स्वाद चखेगा. ममता ने कहा, “यह भाजपा सरकार का अंतरिम बजट नहीं, बल्कि अंतिम बजट है.”

बकाया फंड के भुगतान की मांग पर 13 तक जारी रहेगा धरना : सीएम

मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से राज्य के बकाया फंड का भुगतान करने की मांग पर शुक्रवार से 48 घंटों का धरना शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने तीन फरवरी यानी शनिवार को जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायत स्तर के नेताओं को इसमें शामिल होने का आह्वान किया है. रेड रोड पर धरने के दौरान सुश्री बनर्जी ने घोषणा की कि बकाया फंड के भुगतान की मांग पर यह धरना 13 फरवरी तक चलेगा. तृणमूल व उसकी छात्र, युवा, महिला व अन्य इकाइयों द्वारा यह कार्यसूची जारी रहेगी.

सुश्री बनर्जी ने कहा कि बकाये फंड के भुगतान की मांग पर चार फरवरी को धरना की कमान तृणमूल युवा कांग्रेस संभालेगी, जबकि पांच फरवरी को तृणमूल छात्र परिषद, छह फरवरी को तृणमूल महिला कांग्रेस, सात को तृणमूल ट्रेड यूनियन, आठ को तृणमूल माइनॉरिटी सेल और एससी, एसटी व ओबीसी सेल इस कार्यसूची को संभालेंगे. अगले दिन यानी नौ फरवरी को धरना की कमान दक्षिण 24 परगना तृणमूल जिला कमेटी, 10 को उत्तर 24 परगना तृणमूल जिला कमेटी, 11 को हावड़ा तृणमूल जिला कमेटी, 12 को हुगली तृणमूल जिला कमेटी और 13 फरवरी को पूर्व व पश्चिम बर्दवान तृणमूल जिला कमेटियां धरना कार्यसूची को संभालेंगी.

ममता से डरी हुई है भाजपा, इसलिए बंगाल के लोगों का छीन रही हक : शत्रुघ्न

मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से राज्य के बकाया फंड का भुगतान करने की मांग पर शुक्रवार से धरना शुरू किया है. इस दौरान तृणमूल के सांसदों, विधायकों के अलावा पार्टी के अन्य नेता व कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. धरना के दौरान आसनसोल से तृणमूल के सांसद व अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा भी मौजूद रहे. उन्होंने अपने संबाेधन में भाजपा और केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की. सिन्हा ने दावा किया कि भाजपा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भयभीत है. वह राजनीतिक रूप से उनसे लड़ाई करने में सक्षम नहीं है. यही वजह है कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के लोगों को उनके वाजिब अधिकार व हक से वंचित करने में जुटी है. यदि ऐसा नहीं होता, तो अलग-अलग केंद्रीय योजनाओं के लिए बंगाल को मिलने वाली राशि रोकी नहीं जाती.

सांसद सिन्हा ने कहा :

भाजपा के नापाक इरादे बंगाल में कारगर नहीं हो रहे हैं, जैसा कि कुछ राज्यों में हो पाया है. बिहार की ही बात कर लें, तो वहां ‘पलटू’ कौन है, थोड़ा ध्यान देने पर समझा जा सकता है. भाजपा तोड़ने की राजनीति कर रही है. जिनके समक्ष दाल नहीं गल रही, तब दूसरे हथकंडे अपनाये जाते हैं. बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है, इसलिए यहां प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है और केंद्रीय फंड का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये अंतरिम बजट का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि यह भाजपा की सरकार का अंतरिम नहीं, बल्कि अंतिम बजट है. 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा किया गया, लेकिन हकीकत दूसरी है. मंहगाई, बेरोजगार और आम लोगों की समस्याओं से जुड़े मसलों की चर्चा तक नहीं की गयी. उन्होंने यह दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में ही भाजपा को शिकस्त दिया जा सकता है.

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