पश्चिम बंगाल में नई सरकार बनने के कुछ दिनों बाद ही मंत्रियों और विधायक की गिरफ्तारी पर सियासी तूफान मचा हुआ है. दरअसल, नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में टीएमसी सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ्तार किया. इसकी खबर मिलने पर सीएम ममता बनर्जी कोलकाता के निजाम पैलेस पहुंची थीं और करीब छह घंटे तक ऑफिस में डटी हुई थीं. निजाम पैलेस के बाहर टीएमसी समर्थकों का जबरदस्त हंगामा भी हुआ था. सूत्रों की मानें तो सीबीआई मुख्यालय दिल्ली ने हंगामे की पूरी रिपोर्ट स्थानीय अधिकारियों से तलब की है.
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सूत्रों की मानें तो निजाम पैलेस में टीएमसी के दो मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता नगर निगम के पूर्व मेयर की गिरफ्तारी के बाद करीब छह घंटे तक ममता बनर्जी की उपस्थिति और टीएमसी कार्यकर्ताओं के हंगामे से जुड़ी रिपोर्ट दिल्ली तलब की गई है. इसके बाद सीबीआई के अधिकारियों के फुटेज के साथ रिपोर्ट भेजने की बात सामने आई है. यह भी पता चला है कि सीबीआई केंद्रीय गृह मंत्रालय, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी इससे संबोधित रिपोर्ट भेज रही है.
सारा विवाद सोमवार को सामने आया था. नारदा स्टिंग केस में सीबीआई सीएम ममता बनर्जी के करीबियों फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को हिरासत में लेकर निजाम पैलेस आई थी. इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसकी खबर मिलते ही सीएम ममता बनर्जी भी निजाम पैलेस पहुंची थी. उन्होंने खुद को गिरफ्तार करने की मांग भी की थी. इसको लेकर काफी देर तक हंगामे का माहौल रहा था. बाद में चारों को सीबीआई की कोर्ट से जमानत मिल गई थी. सीबीआई ने हाईकोर्ट से अपील करके जमानत पर रोक लगवाई थी.
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नारदा स्टिंग ऑपरेशन का मामला हाईकोर्ट पहुंचा था और साल 2017 में सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे. मामले से ईडी भी जुड़ी और जांच को आगे बढ़ाया गया. ईडी ने सीबीआई की मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत पर एक दर्जन नेताओं और एक आईपीएस समेत 14 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इनमें फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, मुकुल रॉय, सुलतान अहमद, सौगत रॉय, इकबाल अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बनर्जी, शुभेंदु अधिकारी, शोभन चटर्जी, सुब्रत मुखर्जी, अपरूपा पोद्दार और आईपीएस अधिकारी सैयद हुसैन मिर्जा शामिल थे. मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. शोभन चटर्जी भी बीजेपी में शामिल हुए और बाहर हो गए थे. जबकि, सुलतान अहमद का साल 2017 में निधन हो गया था.