कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने से पहले ममता का गुस्सा फूट पड़ा. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के बोयाल स्थित एक मतदान केंद्र में डेरा डाल दिया. इसकी वजह से जबर्दस्त हंगामा हुआ. करीब दो घंटे तक तृणमूल और भाजपा समर्थक ईंट-पत्थर और बांस के साथ आमने-सामने रहे. चुनाव आयोग तक सकते में था. किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर चुनाव आयोग के उपायुक्त सुदीप जैन ने खुद बंगाल के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से बात की.
सुदीप जैन ने निर्देश दिये कि नंदीग्राम में निगरानी बढ़ा दी जाये. आखिरकार दो घंटे के बाद जाकर मामला शांत हुआ. ममता बनर्जी ने पुलिस ऑब्जर्वर नगेंद्र नाथ त्रिपाठी से फोन पर बात की और उसके बाद वह बूथ से बाहर निकलने के लिए तैयार हुईं. इससे पहले ममता ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से भी फोन पर बात की. मतदान में गड़बड़ी की शिकायत की. इसका राज्यपाल ने संज्ञान लिया और कहा कि संबंधित लोगों को इससे अवगत करा दिया गया है. राज्यपाल ने ममता बनर्जी को आश्वस्त किया कि जो भी विधिसम्मत कार्रवाई होगी, की जायेगी.
श्री धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी, उठाये जायेंगे. इससे पहले, ममता बनर्जी दूसरे चरण की वोटिंग के दौरान नीली कार में अपने अस्थायी आवास से निकलीं और समर्थकों के साथ बोयाल के 7 नंबर बूथ में पहुंचीं. वहीं उन्होंने डेरा डाल दिया. वहां से बाहर निकलने से उन्होंने मना कर दिया. ममता बनर्जी के आने के बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के समर्थक आपस में भिड़ गये. दोनों पक्षों में हाथापायी भी हुई.
स्थिति की नजाकत को देखते हुए केंद्रीय बलों के साथ-साथ पुलिस और रैफ की टीम को भी उतार दिया गया. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और बिहार से गुंडों को लाया गया है. वे लोग मतदान में गड़बड़ी कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस के एजेंट को बूथ में दाखिल नहीं होने दे रहे हैं. भाजपा की ओर से फर्जी मतदान किया जा रहा है. भाजपा कार्यकर्ताओं और एजेंटों ने इसका विरोध किया. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय बल के जवान तृणमूल के वोटरों को मतदान नहीं करने दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को बूथ कैप्चर करने के लिए बुलाया गया है. ये लोग बंगाल के नहीं हैं. सभी हिंदी में बात कर रहे हैं. इन्हें बिहार और उत्तर प्रदेश से बुलाया गया है. इसके बाद ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त किये गये पुलिस ऑब्जर्वर नगेंद्र नाथ त्रिपाठी से बात की. नगेंद्र नाथ त्रिपाठी से बात करने के बाद आखिरकार ममता बनर्जी बोयाल के 7 नंबर बूथ से बाहर निकलीं.
गुरुवार को पश्चिम बंगाल की जिन 30 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है, उसमें सबसे हाइ-प्रोफाइल सीट नंदीग्राम ही है. इसलिए चुनाव आयोग से लेकर निर्वाचन कार्य से जुड़े तमाम अधिकारियों को इस बात की चिंता सता रही कि कहीं कोई चूक न हो जाये. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चोटिल होने का एक दाग पहले ही अफसरों पर लग चुका है. इसलिए कोई जोखिम लेने के मूड में अधिकारी नहीं हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि ममता की मौजूदगी में पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर आम मतदाताओं को वोट देने से रोक दिया. यह अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र है और बड़ी संख्या में इस समुदाय के लोग घरों से निकलकर मतदाताओं को डरा-धमका रहे थे. भाजपा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने वहां मौजूद अपने समर्थकों को हंगामा के लिए उकसाया और भाजपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को बाहरी बताना शुरू कर दिया.
कहा कि स्थानीय मतदाता नेशनल चैनल के पत्रकारों से हिंदी में बात कर रहे हैं, तो ममता बनर्जी उन्हें बाहरी बता रही हैं. साथ ही कह रही हैं कि ये सारे लोग यहां हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि मतदान केंद्र के अंदर बैठकर ममता बनर्जी खुद मीडिया से बात कर रही हैं और केंद्रीय बल के जवानों पर लोगों को डराने-धमकाने का आरोप लगा रही हैं. ड्यूटी में तैनात अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी ममता ने गुंडा कहा और आरोप लगाया कि ये लोग मतदाताओं को मताधिकार का इस्तेमाल करने से वंचित कर रहे हैं.
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तृणमूल सुप्रीमो ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि जितनी भी शिकायतें की गयीं, उसमें से किसी पर भी आयोग ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है. उन्होंने आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. उधर, भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी के इस बर्ताव को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत करने की चेतावनी दी है.
Posted By : Mithilesh Jha