पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने बड़ाबाजार स्थित पोस्ता बाजार में जगद्धात्री पूजा के उद्घाटन के अवसर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हर चीज का भगवाकरण कर रही है. देश के रेलवे स्टेशनों को भगवा रंग से रंगा जा रहा है. यहां तक कि भारतीय क्रिकेट टीम भी गेरुआ रंग की जर्सी पहन प्रैक्टिस करती दिख रही है. इस पर आपत्ति जताते हुए सीएम ने सवाल किया कि हर चीज गेरुआ रंग की क्यों बनायी जा रही है? भारतीय क्रिकेट टीम जिस जर्सी में प्रैक्टिस कर रही है, उसका रंग भी गेरूआ है. इसे अब स्वीकार नहीं किया जा सकता.
क्रिकेट स्टेडियम का नाम बदल दिया गया. गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ने भवानीपुर में आयोजित एक विजय सम्मेलिनी कार्यक्रम में अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी स्टेडियम किये जाने पर भाजपा की आलोचना की थी. शुक्रवार को एक बार फिर तृणमूल सुप्रीमो ने कहा,“ मुझे जिंदगी में किसी की दया की जरूरत नहीं है. इसलिए अपने नाम पर मैंने स्टेडियम नहीं बनाया. कोई रेल लाइन नहीं बनायी. मुझे खुद का प्रचार करने की जरूरत नहीं है.” मौके पर सीएम ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर मनरेगा सहित अन्य योजनाओं की बकाया राशि को लेकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि जितना पैसा विज्ञापन पर खर्च किया जा रहा है, उतने पैसे से मजदूरों के 100 दिन के काम का बकाया पूरा हो जाता. लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार यहां के लोगों को उनका हक नहीं दे रही है.
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इस वर्ष पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई थी. विपक्ष ने चुनाव के दरम्यान बमबाजी, गोलीबारी, खून-खराबा होने का आरोप लगाया था. उनका यह भी कहना था कि पंचायत चुनाव के नाम पर राज्य में आतंक मचाया गया. हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोपों का कई बार खंडन कर चुकी हैं. उन्होंने कई मर्तबा कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान हुईं मौतों को राजनीतिक करार देना ठीक नहीं है. सीएम ने पहले ही यह आश्वासन दिया था कि चुनाव के दौरान हिंसा में मारे गये लोगों के परिवार का राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी. उनके आश्वासन पर अब राज्य मंत्रिमंडल की मुहर लग गयी है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में मारे गये लोगों के परिवार से एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी.
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जानकारी के मुताबिक, राज्य में पंचायत चुनाव संबंधी हिंसा में कुल 19 लोगों की जान गयी थी. इनमें से 15 लोगों की मौत मतदान के दिन हुई थी. मृतकों में माकपा और भाजपा के तीन-तीन एवं बाकी तृणमूल के कार्यकर्ता थे. सीएम ने पहले ही दावा किया था कि 71,000 बूथों में से तीन बूथों पर अशांति हुई थी. इनमें दक्षिण 24 परगना का भांगड़, मुर्शिदाबाद का डोमकल और कूचबिहार शामिल हैं. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से हिंसा पीड़ितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी थी. अब राज्य सरकार ने मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया है.हालांकि, पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मौत के आंकड़े को लेकर विपक्ष व सत्ता पक्ष के बीच विवाद जारी है. तृणमूल का दावा है कि 19 लोगों की जान गयी थी, जबकि विपक्ष का कहना है कि 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.