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ममता बनर्जी ने कहा : चिकित्सा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, स्वास्थ्य साथी कार्ड नहीं लिया तो लाइसेंस रद्द

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, विभिन्न अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टर संगठनों के साथ बैठक की. उन्होंने कहा है कि बंगाल में चिकित्सा की लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

By Shinki Singh | November 21, 2022 5:03 PM

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, विभिन्न अस्पताल के अधिकारियों और डॉक्टर संगठनों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने बंगाल के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मुद्दों को लेकर बातचीत की. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि बंगाल में चिकित्सा की लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी अस्पतालों को स्वास्थ्य साथी कार्ड के तहत ही मरीजों का इलाज करना होगा अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो उन अस्पतालों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह शिकायत मिली कि जिले से गर्भवती महिलाओं को कोलकाता रेफर कर दिया जाता है और ऐसी स्थिति में मृत्यु की घटनाएं भी घटी है. इस बारे में नियंत्रण लाने की जरूरत है.

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गर्भवती महिलाओं को जिलों से कोलकाता अस्पतालों में क्यों किया जाता है रेफर 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिला अस्पताल के अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आखिरकार गर्भवती महिलाओं को जिलों से कोलकाता अस्पतालों में रेफर  क्यों किया जाता है . यदि किसी गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान कोलकाता भेजा जाता है, तो उसमें स्थिति बिगड़ सकती है. आये दिन गर्भवती महिलाओं के मरने की घटनाएं बढ़ती जा रही है. जिलों के अस्पतालों में भी व्यवस्थाएं इतनी मजबूत होनी चाहिए की मरीजों को कोलकाता के अस्पतालों में ना आना पड़े. केवल वैसे मामलों को कोलकाता में रेफर किया जाए, जिनके इलाज जिले में नहीं हैं.

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ममता बनर्जी ने  गंगा आरती का आयोजन करने का दिया निर्देश 

स्वास्थ्य के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के सुंदरीकरण को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि गंगा के तटों के सुंदरीकरण को बढ़ाने के लिए गंगा आरती का आयोजन किया जाना चाहिए . मुझे यहां गंगा आरती के लिए एक जगह चाहिए. जैसे कि अन्य राज्यों में गंगा आरती का आयोजन किया जाता है वैसे ही यहां भी गंगा आरती का आयोजन किया जाना चाहिए. गंगा के किनारे ऐसे जगह पर गंगा आरती होना चाहिए जहां पर मंदिर हो, लोगों के बैठने की व्यवस्था हो, भले ही इसमें दो साल लग जाएं, कोई नुकसान नहीं है लेकिन भव्य तरीकें से गंगा आरती का आयोजन किया जाना चाहिए.

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