ममता बनर्जी ने फिर कहा- खेला होबे, CWG में पदक जीतने वालों को सरकारी नौकरी का किया ऐलान
मुख्यमंत्री ने मोहन बागान एथलेटिक क्लब के कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने वाले को राज्य सरकार की ओर से सरकारी नौकरी व नकद इनाम दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को पूरे राज्य में खेल दिवस के रूप में मनाया जायेगा.
![an image](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/mamata-banerjee-khela-hobe-west-bengal-1024x640.jpg)
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर कहा है कि खेला होबे. साथ ही उन्होंने बुधवार को एक बड़ा ऐलान किया. ममता बनर्जी ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी जायेगी. गोल्ड जीतने वाले को 5 लाख रुपये और ब्रोंज जीतने वाले को 2 लाख रुपये देने का भी ऐलान बंगाल की मुख्यमंत्री ने किया.
16 अगस्त को पूरे बंगाल में मनेगा खेल दिवस
मुख्यमंत्री ने मोहन बागान एथलेटिक क्लब के कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने वाले को राज्य सरकार की ओर से सरकारी नौकरी व नकद इनाम दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि 16 अगस्त को पूरे राज्य में खेल दिवस के रूप में मनाया जायेगा और इसी दिन कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाले अचिंत्य शिउली और सौरव घोषाल को सरकारी नौकरी दी जायेगी.
Also Read: ममता बनर्जी ने कहा- जब तक भाजपा साफ नहीं होगी, तब तक पूरे देश में ‘खेला होबे’
कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडल जीतने वालों को सम्मान राशि भी देंगे
इसके साथ ही इन्हें क्रमश: पांच लाख और दो लाख रुपये की नकद सम्मान राशि भी दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पहले भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देती आयी है. खेल व खिलाड़ियों का विकास करने के लिए राज्य सरकार हर संभव कार्य करने के लिए तैयार है.
बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद फिर कहा- खेला होबे
मंगलवार को बिहार में बड़ा राजनीतिक फेरबदल हुआ. नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड़कर राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिला लिया है. इसी बीच, बुधवार को महानगर में मोहन बागान क्लब के नवनिर्मित क्लब टेंट के उद्घाटन समारोह में एक बार फिर खेला होबे का नारा दिया.
जीवन एक खेल है
ममता बनर्जी ने खेला होबे का नारा देने के पीछे की वजह भी बतायी. कहा, ‘जीवन एक खेल है. हमें पता है कि मेरा जन्म कब होगा, लेकिन हमें पता नहीं कि कब मृत्यु होगी. जब तक जिंदा रहूंगी, जिंदगी खेलते-खेलते गुजर जायेगी. बंगाल में पुनर्जागरण हुआ है. स्वतंत्रता की अलख जगी है. मोहन बागान का इतिहास कोई नहीं भूल पायेगा. एक तरफ देश में आंदोलन चल रहा है. आजादी के 75 साल पूरे होने पर सभी को बधाई.’