Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने भाजपा पर कसा तंज कहा, धर्म के नाम पर हिन्दुओं का वोट बांटना चाहती है केन्द्र
भाजपा भगवान राम के बारे में बात करती है, लेकिन देवी सीता के बारे में नहीं बोलती क्योंकि उनकी पार्टी महिला विरोधी है .मैं चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती. मेरे लिये सब धर्म एक बराबर है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने सद्भावना रैली के दौरान भाजपा पर जमकर कटाक्ष किया है. अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान कार्यक्रम को लेकर ममता ने कहा कि कुछ लोग वोट के नाम पर देश को बेच रहे हैं. भाजपा भगवान राम के बारे में बात करती है, लेकिन देवी सीता के बारे में नहीं बोलती क्योंकि उनकी पार्टी महिला विरोधी है. मैं बंगाल में 34 वर्षों तक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से लड़ती रही. अब मैं देखती हूं कि वे ‘I-N-D-I-A’ गठबधंन की बैठकों में अपनी बातें थोपने की कोशिश कर रहे हैं. मैं भाजपा की तरह चुनाव से पहले धर्म का राजनीतिकरण करने में विश्वास नहीं करती हूं. एक लड़ाई शुरू हो गई है और ये लड़ाई जारी रहेगी. हम बिना डरे लड़ेंगे. हम कायर नहीं हैं तो हम लड़ेंगे.
विपक्षी गठबंधन का नाम मैंने ‘I-N-D-I-A’ रखा लेकिन सम्मान नहीं मिला : सीएम
ममता बनर्जी ने कहा, मैं भगवान राम की पूजा करने वालों के खिलाफ नहीं हूं लेकिन लोगों की खान-पान की आदतों में हस्तक्षेप पर मुझे आपत्ति है. ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने विपक्षी गठबंधन का नाम ‘I-N-D-I-A‘ रखा, लेकिन बैठक में मुझे सम्मान नहीं मिला. सीपीएम विपक्षी गठबंधन ‘I-N-D-I-A’ की बैठक को नियंत्रित करता है और यह मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है. ममता बनर्जी का कहना है कि भाजपा धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रही है. चुनाव प्रचार के लिये नया एजेंडा तैयार किया गया है. बंगाल की जनता सब जानती है वह भाजपा के झूठे वादे में नहीं आने वाली है. केन्द्र हमारा बकाया नहीं दे रही और पैसे को ऐसे ही खर्च कर रही है. गरीबों का पैसा वापस नहीं करना चाहती है.
Also Read: WB News : ममता बनर्जी के खिलाफ सुकांत मजूमदार की कथित विवादित टिप्पणी पर तृणमूल का पलटवार
मैं भगवान राम के खिलाफ नहीं हूं : ममता बनर्जी
राम मंदिर का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ”मैं राम के खिलाफ नहीं हूं. मैं राम-सीता का सम्मान करती हूं. लेकिन आप सीता के बारे में बात नहीं करते है. क्या आप नारी विरोधी हैं? सीता के बिना राम नहीं. वनवास में सीता राम के साथ 14 वर्ष तक रहीं. फिर से उन्हें खुद को साबित करने के लिए अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा. हम जानते हैं इसलिए हम नारी शक्ति दुर्गा की पूजा करते हैं. राम ही थे जिन्होंने रावण के साथ युद्ध में जाने से पहले उस दुर्गा की पूजा की थी. हम नारी शक्ति का सम्मान करते है.