बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मांगी मदद! JMM नेता ने कही यह बात
झारखंड में झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (तृणमूल) के खिलाफ वाम मोर्चा और इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन किया है.
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बंगाल चुनाव 2021 में मदद मांगी है. टीएमसी सुप्रीमो ने पड़ोसी राज्य के सीएम से अनुरोध किया है कि वह उनके लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचार करें. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भाजपा की चुनावी संभावनाओं को बाधित करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस पर निर्णय लेगा.
यह बात झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार को कही. यह घटनाक्रम महत्व रखता है, क्योंकि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है और सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली पार्टी कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (तृणमूल) के खिलाफ वाम मोर्चा और इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के साथ गठबंधन किया है.
बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (राजद), उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) और महाराष्ट्र की शिव सेना के बाद सुश्री बनर्जी ने पिछले हफ्ते कहा था कि विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल को झामुमो और राष्ट्रीवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का समर्थन भी मिला है.
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झामुमो के एक वरिष्ठ नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ संवाद होता रहता है. उन्होंने कहा- यह हमारी मांग थी कि पश्चिम बंगाल, बिहार और ओड़िशा के कुछ क्षेत्रों को झारखंड का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था, क्योंकि वे राज्य के लिए आंदोलन का हिस्सा थे. लेकिन 2000 में जो सीमा बनायी गयी थी, उसमें कुछ क्षेत्रों को छोड़ दिया गया था.
उन्होंने कहा कि आप देखेंगे कि पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में अधिकांश लोग झारखंड के हैं. इसलिए, हमारा वहां प्रभाव है. झामुमो नेता ने कहा कि तृणमूल प्रमुख ने झारखंड के मुख्यमंत्री से उनके लिए प्रचार करने को कहा है. नेता ने कहा कि पार्टी द्वारा जल्द ही इस पर निर्णय लिया जायेगा.
झामुमो नेता ने कहा कि हालांकि यह लक्ष्य तय है कि भाजपा को वहां पीछे धकेलना है और इस बात को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया जायेगा. झामुमो नेता ने साथ ही ईंधन की ऊंची कीमतों, कृषि कानूनों और किसानों के साथ सरकार के व्यवहार जैसे विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया.
झारखंड की सत्ताधारी दल के नेता ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि सहकारी संघवाद केवल नाम का बचा है. गौरतलब है कि राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी बनर्जी की पार्टी को अपना समर्थन दिया था और बिहारियों से चुनाव में ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की थी. राजद भी हेमंत सोरेन के नेतृत्ववाली झारखंड सरकार का हिस्सा है.
उल्लेखनीय है कि 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल तक आठ चरणों में होंगे. मतों की गिनती 2 मई को होगी. चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है, तो ममता बनर्जी ने भी अपनी सत्ता बचाये के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
Posted By : Mithilesh Jha