कोलकाताः फर्जी वैक्सीन मामले पर बंगाल में मचे बवाल के बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मांग की है कि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में बयान दें. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मालदा में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्मयंत्री और राज्य की स्वास्थ मंत्री ममता बनर्जी से यह मांग की.
अधीर रंजन ने कहा कि ममता बनर्जी सामने आयें और सावर्जनिक रूप से राज्य की जनता के सामने बयान दें कि कोलकाता में खुलेआम कैसे लोगों को फर्जी टीका दिया गया. इस तरह के कितने शिविर अभी चल रहे हैं. कितने लोग इनके शिकार हुए हैं. इन सबसे निबटने के लिए राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी करवाई करने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच एक वर्किंग जज से कराने की मांग की.
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन ने कहा कि पश्चिम बंगाल में क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआइडी) बहुत पहले अपना भरोसा खो चुकी है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी उसी राह पर चल रही है. इसलिए वह इस मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं.
अधीर चौधरी ने कहा कि पूरे मामले ने राज्य सरकार की विफलता को सार्वजनिक कर दिया है. पूरे विश्व में बंगाल की छवि खराब हुई है. इसको सुधारने की जगह इसके लिए जिम्मेदार लोग अब इस मामले में सफाई देकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद ने कहा कि पुलिस की सुरक्षा में फर्जी टीका शिविर लगा और पुलिस कह रही है कि उसको इसके बारे में कुछ पता ही नहीं. कोलकाता नगर निगम (केएमसी) बोल रहा है कि उसको इसकी जानकारी नहीं थी. इससे पता चलता है कि बंगाल में लोगों की जिंदगी के साथ किस तरह का खेल हो रहा है.
देबांजन देव, जो खुद को कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का ज्वाइंट कमिश्नर बताता था, ने कोलकाता के अलग-अलग इलाकों में कैंप लगाकर लोगों को फर्जी वैक्सीन लगवाये. कोरोना वैक्सीन के नाम पर उन्हें निमोनिया, मीजल्स आदि के टीके लगवा दिये. तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती जब उसके एक कार्यक्रम में शामिल हुई, तो इस मामले का खुलासा हुआ.
इस सिलसिले में कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. देबांजन के तीन अन्य साथियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ अब गैर-इरादतन हत्या की कोशिश का मुकदमा भी दर्ज किया जायेगा. पता चला है कि देबांजन वैक्सीनेशन के नाम पर 2000 से अधिक लोगों को फर्जीवाड़ा का शिकार बना चुका है. देश में यह अपनी तरह का पहला मामला है.
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Posted By: Mithilesh Jha