कोलकाता, शिव कुमार राउत. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरने की कोशिश कर रही है. बंगाल विभाजन (Partition of West Bengal) के खिलाफ राज्य सरकार सोमवार को विधानसभा में प्रस्ताव लाने जा रही है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से उत्तर बंगाल के कुछ जिलों को मिलाकर अलग राज्य बनाने की मांग उठ रही है. भाजपा के ही कुछ विधायकों एवं सांसदों ने कई बार यह मांग की है. कुछ संगठन भी इसके समर्थन में हैं.
इस बाबत राज्य सरकार ‘बंगभंग’ की मांग के विरोध में एक प्रस्ताव लाने जा रही है. यह प्रस्ताव अनुच्छेद 185 के तहत पेश किया जायेगा. इस प्रस्ताव को पेश किये जाने के दौरान TMC (तृणमूल कांग्रेस) ने अपने सभी विधायकों को विधानसभा में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है.
ज्ञात हो कि इससे पहले शुक्रवार को आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता देने के लिए तृणमूल कांग्रेस एक प्रस्ताव सदन में लायी थी. बंगाल विभाजन की मांग करने वालों को कई बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्पष्ट संदेश दे चुकीं हैं. सीएम का कहना है कि यहां न तो उत्तर बंगाल है और न ही दक्षिण बंगाल. बंगाल एक है. उनके रहते इस राज्य का कभी विभाजन नहीं हो सकता.
Also Read: गणतंत्र बचाओ, पश्चिम बंग बचाओ आंदोलन के साथ ममता सरकार के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन
बंगाल भाजपा के कई आला नेता बंगभंग की मांग कर चुके हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री जॉन बारला, कुर्सियांग से भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा जैसे नेता बंगाल विभाजन की मांग कर चुके हैं. लेकिन, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सीधे तौर पर इस मुद्दे पर बात नहीं कर रहा है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी कई बार विधानसभा के बाहर एवं अंदर उत्तर बंगाल के अभाव के संबंध में बात कर चुके हैं.
शुभेंदु अधिकारी के अनुसार, राज्य सरकार उत्तर बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार करती है. पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं ने विष्णु प्रसाद, जॉन बारला के बयान को निजी बयान बताया है. अब यह देखना दिलचस्प है कि बंगभंग के खिलाफ सोमवार को विधानसभा में पेश होने वाले प्रस्ताव पर भाजपा का क्या रुख होता है.
Also Read: बंगाल का एक और विभाजन! उत्तर बंगाल के इन जिलों को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की चर्चा
इस विषय में भाजपा के एक विधायक ने बताया कि हमारे नेता विधानसभा के बाहर बंगभंग की बात करते हैं. यह उनका निजी बयान है. उक्त प्रस्ताव का न तो हम विरोध करेंगे और न ही समर्थन. प्रस्ताव पर चर्चा में भाजपा विधायकों की स्थिति का आकलन कर रहे हैं. अब देखना है कि विपक्षी खेमे के विधायक भावनाओं की बात करेंगे या पार्टी की स्थिति पर ध्यान देंगे. सोमवार के प्रस्ताव पर चर्चा में ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी भी हिस्सा ले सकते हैं.